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निजी डॉक्टरों व संसाधनों पर निर्भर जींद का नागरिक अस्पताल

07:53 AM Jan 11, 2024 IST
निजी डॉक्टरों व संसाधनों पर निर्भर जींद का नागरिक अस्पताल
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दलेर िसंह/हप्र
जींद (जुलाना), 10 जनवरी
रेफरल अस्पताल के नाम से मशहूर जींद का नागरिक अस्पताल इन दिनों निजी डॉक्टरों व निजी संसाधनों पर निर्भर है। अस्पताल में न तो पूरे चिकित्सक हैं और न ही पूरे संसाधन, जिसका खमियाजा यहां उपचार के लिए आ रहे मरीजों को भुगतने पर मजबूर होना पड़ रहा है। आलम यह है कि थोड़े से सीरियस मरीज को पीजीआई रेफर कर दिया जाता है।
अस्पताल में सुविधाओं की मांग को लेकर अगस्त, 2023 में कांग्रेस पार्टी द्वारा एचपीसीसी मेंबर प्रमोद सहवाग के नेतृत्व में अस्पताल के बाहर दो दिवसीय धरना भी लगाया गया था। उस समय अस्पताल प्रशासन द्वारा हालात सुधारने का आश्वासन दिया गया था लेकिन पांच माह बाद आज भी परिणाम वही ढाक के तीन पात वाला ही नजर आ रहा है। अस्पताल में चिकित्सकों के करीब 40 प्रतिशत पद रिक्त हैं। यहां तक कि प्रसूति विभाग के लिए एक पुरूष व एक महिला प्राइवेट डॉक्टर हायर किये हुए हैं, जबकि एक और प्राइवेट डॉक्टर के हायर किये जाने की प्रक्रिया चल रही है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि नागरिक अस्पताल में सर्जन नियुक्त हैं, लेकिन पुरुषों की नसबंदी निजी चिकित्सक द्वारा ही की जाती है। अस्पताल में चिकित्सकों के कुल 55 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 30 पद स्थाई व 3 पद एनएचएम के तहत कुल 33 पद भरे हुए हैं। जबकि 22 पद रिक्त हैं। अस्पताल में मौजूद सीटी स्कैन सेंटर भी निजी फर्म द्वारा संचालित है जिसमें मरीजों को भारी भरकम फीस देनी पड़ती है।
अब निजी एंबुलेंस हायर करने की योजना : अस्पताल प्रशासन के निजी एंबुलेंस हायर करने की योजना भी बनाई है। मुख्यालय से जीपीएस पर नजदीकी एंबुलेंस को हादसा स्थल पर भेजा जाएगा। सरकार द्वारा निर्धारित किये गये रेट के अनुसार ही निजी एंबुलेंस संचालक को किराया दिया जाएगा। जींद नागरिक अस्पताल में फिलहाल कुल 31 एंबुलेंस उपलब्ध हैं।

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''नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों के कुछ पद रिक्त हैं। जिसकी सूचना समय-समय पर मुख्यालय को भेजी जाती रही है। चिकित्सकों के रिक्त पद भरना सरकार के स्तर का काम है। लेकिन अस्पताल में जितने भी चिकित्सक कार्यरत हैं,वो अच्छे तरीके से अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। जहां तक प्राइवेट चिकित्सकों व संसाधनों को हायर करने की बात है तो वह सब नियमानुसार ही किया जा रहा है, ताकि मरीजों को पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।''
-डा. राजेश भोला, डिप्टी एमएस, नागरिक अस्पताल जींद

''प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी से लोग बेहद दुखी हैं। सरकार को इस बात की कोई चिंता नहीं है। हालात ये हो गए हैं कि गरीब आदमी अब अपना ईलाज भी सरकारी अस्पताल में नहीं करवा सकता। छोटी सी दुर्घटना होने पर भी जींद के नागरिक अस्पताल में ईलाज के नाम पीजीआई में रेफर की पर्ची मिलती है। सत्ता में रहते हुए भी स्थानीय विधायक डा. कृष्ण मिड्ढा अस्पताल में डाक्टरों की कमी को पूरा नहीं करवा सके। केवल आयुष्मान कार्ड बनाने से कुछ नहीं होता, लोगों का विश्वास जीतना पड़ेगा। खासकर शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में हरियाणा सरकार को दिल्ली व पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार से सीख लेनी चाहिए। ''
-वजीर ढांडा, जिलाध्यक्ष, आम आदमी पार्टी जींद

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