पंजाब विश्वविद्यालय में जापानी कलाकारों ने बिखेरा जादू
चंडीगढ़, 16 जनवरी (ट्रिन्यू)
जापानी कलाकारों ने आज पंजाब विश्वविद्यालय में मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर अपना जादू बिखेरा। पारंपरिक जापानी कला रूपों का प्रदर्शन करने वाला यह कार्यक्रम प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग द्वारा आयोजित किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत सुश्री टी. हाशिमोतो, जिन्होंने ब्रश-स्याही लेखन की जटिल कला का प्रदर्शन किया, के जापानी सुलेख के लाइव प्रदर्शन से हुई। इसके बाद ईदो काल की पारंपरिक जापानी नृत्य शैली तमासुदारे का शानदार समूह प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन में चार जापानी कलाकार -वाई. हाशिमोटो, टी हाशिमोतो, वाई काबुरागी और के नकाजिमा ने समन्वय और कलात्मकता के मनोरम प्रदर्शन में लयबद्ध मंत्रों का प्रदर्शन करते हुए बांस के वाद्ययंत्रों को विभिन्न आकृतियों में बदल दिया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पंजाब यूनिवर्सिटी की डीएसडब्ल्यू (महिला) प्रोफेसर सिमरित काहलों की उपस्थिति रही।
इसके बाद कलाकारों के साथ एक इंटरेक्टिव सत्र आयोजित किया गया। बाद में जापानी प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति प्रो. रेनू विग से उनके कार्यालय में मुलाकात की। उन्होंने कैंपस में जापानी कलाकारों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा, ‘इस तरह की बातचीत हमारे छात्रों के लिए अविश्वसनीय रूप से मूल्यवान है, क्योंकि वे विविध संस्कृतियों का अनुभव करने और उनसे जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं। ये सांस्कृतिक आदान-प्रदान न केवल उनके क्षितिज को व्यापक बनाते हैं बल्कि वैश्विक समझ और सहयोग को भी बढ़ावा देते हैं।’
प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर पारू बल सिद्धू ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत और जापान के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंध बनाना है।