यह तो गलती से ही चूक हो गयी जी
सहीराम
बैंक ने अवश्य ही सनी पाह्जी को किसान समझ लिया होगा, तभी तो उसने उनका बंगला कुर्क करने का नोटिस निकाल दिया। वैसे भी पंजाबी पुत्त हैं तो यह गलती होने में कोई गलती भी नहीं थी। बिन खेती किसानी के पंजाबी पुत्त की और क्या पहचान होगी। उधर धर्म पाह्जी तो आजकल सुना है अपने फार्म हाउस में ही रहते हैं, तो बैंक को लगा होगा सनी पाह्जी तो किसान के ही बेटे हैं। थोड़ी-सी कोशिश करो तो पता चलता है कि आजकल किसानों के अलावा सभी किसान हैं-बड़े-बड़े सेठ, नेता, अफसर, फिल्मी सितारे और क्रिकेट खिलाड़ी सब किसान हैं। अगर मोदीजी की तपस्या में थोड़ी कमी न रहती तो तो यह पक्का ही था कि किसानों के अलावा यह सभी किसान होते। अभी-अभी स्मृति ईरानीजी ने बताया कि वे जिनको ब्याही हैं, वे भी खेती ही करते हैं अर्थात किसान हैं। आजकल किसानों के अलावा बताओ किसकी संपत्ति कुर्क होती है। इसीलिए तो इस बात का पूरा अंदेशा है कि बैंक ने सनी पाह्जी को अवश्य ही किसान समझ लिया होगा। ऐसे में अगर वे अपनी पार्लियामेंट की हाजिरी थोड़ी सुधार लें तो लोगों को पता चल सकता है कि भई वे एमपी भी हैं। अभी तो बताते हैं कि उनके क्षेत्र की जनता को ही नहीं पता कि वे उनके एमपी हैं। इसीलिए वह अक्सर गुमशुदा के पोस्टर लगाती रहती है।
कहां तो सनी पाह्जी गदर मचाकर पाकिस्तान को मटियामेट करने में लगे थे और कहां उनके बंगले की कुर्की का नोटिस आ गया। यह तो शुक्र करो कि वे मुंबई में हैं, यूपी में होते तो अब तक बुलडोजर भी आ जाता। तो क्या करते। नहीं-नहीं, आपकी बात ठीक है कि वे कोई दंगाई थोड़े ही हैं। पर जी, क्या पता चलता है भूल-गलती से बुलडोजर किसी शरीफ के घर पर भी चल जाए। वो मध्यप्रदेश में नहीं चल गया था। बुलडोजर, आखिर बुलडोजर ही तो है। ईडी थोड़े ही है कि एकदम तय जगह ही छापा पड़ेगा। पर सवाल यह है जी कि यह हर साल जो लाखों करोड़ के कर्ज माफ होते हैं, फिर वे किसके होते हैं। सिर्फ बड़े-बड़े सेठों के। यह तो कोई अच्छी बात नहीं जी कि बैंकों का रुपया मार कर भी वे ही भागें और कर्ज माफ हों तो भी उन्हीं को और सनी पाह्जी के बंगले के कुर्क होने की नौबत आ जाए। मतलब वे पाकिस्तान को मटियामेट भी करें और उनके ही बंगले की कुर्की की नौबत आ जाए। ठीक है वे पंजाब के रहने वाले हैं, वहीं से सांसद भी हैं, लेकिन इसीलिए उन्हें किसान समझ लिया जाए और बंगले की कुर्की की नौबत आ जाए तो यह तो ठीक बात नहीं हैं न जी! इस बैंक से अच्छी तो ईडी है, जो भूलकर भी भाजपा वालों की तरफ नहीं जाती।