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पराली के लिए किसानों के सिर ठीकरा फोड़ना ठीक नहीं

08:41 AM Nov 09, 2024 IST
भिखेवाला गांव में शुक्रवार को मृतक किसान रामभक्त नैन के घर संवेदना व्यक्त करने पहुंचीं सिरसा लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा। -निस

नरवाना, 8 नवंबर (निस)
प्रदेश में डीएपी खाद की कमी के चलते किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई-कई दिन लाइनों में लगकर भी किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। देश के किसान के बारे में अच्छा सोचने के बजाय भाजपा सरकार किसानों को दबाने का और उनके शोषण करने के काम में लगी हुई है। कही उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है कही केस दर्ज किए जा रहे हैं।
यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने गांव भीखेवाला में मृतक किसान रामभगत नैन के घर संवेदना व्यक्त करते हुए कही। रामभगत अपने पिता का इकलौता पुत्र था। इस मौके पर सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र सरकार ने अब पराली जलाने पर जुर्माना राशि दोगुनी करने का फैसला किया है। कांग्रेस केंद्र के इस फैसले की निंदा करती है। पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है इसमें कोई दो राय नहीं। सरकार ऐसी व्यवस्था करें ताकि किसान पराली न जला सके। सरकार पराली जलाने पर रोक लगाने में असमर्थ रहने वाले कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड कर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती से बचना चाहती है। सरकार को पराली प्रबंधन को लेकर ठोस रणनीति बनानी होगी, अकेले किसानों के सिर पर ठीकरा फोड़ने की बजाए सरकार को अपने गिरेबां में भी झांकना चाहिए। सरकार पराली जलाने वालों पर जुर्माना करके या उनके खिलाफ केस दर्ज करवाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती। सरकार को किसानों पर केस दर्ज करने से बचना चाहिए।

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