For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

नये साल में ब्लैक होल का रहस्य खोजेगा इसरो

06:45 AM Jan 01, 2024 IST
नये साल में ब्लैक होल का रहस्य खोजेगा इसरो
श्रीहरिकोटा में तैयार प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी58। - प्रेट्र
Advertisement

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 31 दिसंबर (एजेंसी)
इसरो सोमवार को पहले एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह (एक्सपोसैट) के प्रक्षेपण से नये साल का स्वागत करेगा। उपग्रह ब्लैक होल जैसी खगोलीय रचनाओं के रहस्यों से पर्दा उठाएगा। अक्तूबर में गगनयान परीक्षण यान ‘डी1 मिशन’ की सफलता के बाद यह प्रक्षेपण किया जा रहा है। यह मिशन करीब 5 वर्ष का होगा। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी58 रॉकेट अपने 60वें अभियान पर प्रमुख पेलोड ‘एक्सपोसैट’ और 10 अन्य उपग्रह लेकर जाएगा, जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा। चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर पूर्व में स्थित अंतरिक्ष केंद्र से नये साल के पहले दिन सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर होने वाले प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती रविवार को शुरू हुई। इसरो सूत्रों ने कहा, ‘पीएसएलवी-सी58 के लिए रविवार सुबह 8.10 बजे मिनट पर उलटी गिनती शुरू हुई।’ इसरो के अनुसार, यह खगोलीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप में अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के अलावा अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दिसंबर 2021 में सुपरनोवा विस्फोट के अवशेषों, ब्लैक होल से निकलने वाली कणों की धाराओं और अन्य खगोलीय घटनाओं का ऐसा ही अध्ययन किया था। इसरो ने कहा कि एक्स-रे ध्रुवीकरण का अंतरिक्ष आधारित अध्ययन अंतर्राष्ट्रीय रूप से महत्वपूर्ण हो रहा है और इस संदर्भ में एक्सपोसैक्ट मिशन एक अहम भूमिका निभाएगा।

Advertisement

उड़ान पर प्रयोग शुरू करेंगे चार स्टार्ट-अप

भारत की चार अंतरिक्ष स्टार्टअप कंपनियां सोमवार से शुरू हो रहे इसरो के पीएसएलवी-सी58 मिशन पर उपग्रहों को उनकी वांछित कक्षाओं में रखने वाली सूक्ष्म उपग्रह उप प्रणाली (माइक्रोसैटेलाइट सबसिस्टम), प्रक्षेपक (थ्रस्टर) या छोटे इंजन और उपग्रहों को विकिरण से बचाने वाली कोटिंग जैसी खूबियों को दर्शाने के लिए अपने अंतरिक्ष उपकरण (पेलोड) को शुरू करने की तैयारी में हैं। अंतरिक्ष-प्रौद्यिगकी स्टार्ट-अप और अन्य अनुसंधान संस्थानों के अंतरिक्ष उपकरणों को पीएसएलवी रॉकेट के चौथे चरण पर रखा जाएगा, जिन्हें विभिन्न प्रयोगों को अंजाम देने के लिए पृथ्वी की निचली कक्षा में रखा जाएगा। बेंगलुरु की बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस हॉल थ्रस्टर्स के लिए अपने रुद्र 0.3 एचपीजीपी और एआरकेए-200 का परीक्षण करेगा। रुद्र 0.3 एचपीजीपी एक हरित मोनोप्रोपेलेंट थ्रस्टर है जबकि एआरकेए-200 एक हीटर-लेस होलो कैथोड है। मुंबई की इंस्पेसिटी स्पेस लैब्स प्राइवेट लिमिटेड ग्रीन इंपल्स ट्रांसमिटर (जीआईटीए) का परीक्षण करेगी, जो एक ग्रीन बाइप्रोपेलेंट क्यूबसैट प्रोपल्शन इकाई है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement