Video: जिस सब्जी वाले ने पढ़ाई के दौरान की थी मदद, DSP बन 14 वर्ष बाद मिलने पहुंचे संतोष
चंडीगढ़, 13 नवंबर (ट्रिन्यू)
DSP Santosh Patel Video: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो मध्य प्रदेश के एक डीएसपी संतोष पटेल व सब्जी वाले सलमान खान का है। डीएसपी सब्जीवाले से मिलकर भावुक हो जाते हैं और अपने पढ़ाई के दिनों को याद करते हैं कि कैसे वह सब्जी वाला उनकी मदद करता था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार संतोष पटेल, जो अब ग्वालियर में डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं, वर्षों बाद अपने पुराने परिचित और मददगार, सब्जीवाले सलमान से मिलने पहुंचे। संतोष की जिंदगी में अब सबकुछ बदल चुका है — अच्छी नौकरी, घर, गाड़ी, और बैंक बैलेंस है, लेकिन उन्होंने उन कठिन दिनों को नहीं भुलाया जब भोपाल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था। उन दिनों, सलमान ने उन्हें कभी-कभी मुफ्त में सब्जियां दे दी थीं, जिससे संतोष को अपने खर्च मैनेज करने में मदद मिलती थी।
सलमान ख़ान से भोपाल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के समय मुलाक़ात हुई थी। ये हमारी भावनाओं को समझकर फ्री में सब्ज़ी दे दिया करते थे।14 साल बाद जब अचानक मिले तो दोनों बहुत खुश हुए।बुरे समय में साथ निभाने वाले को भूल जाना किसी पाप से कम नहीं।बंदे में एक दोष न हो, बंदा ऐहसान फ़रामोश न हो pic.twitter.com/FMTdOW5cBH
— Santosh Patel DSP (@Santoshpateldsp) November 10, 2024
करीब 14 साल बाद, संतोष पटेल 10 नवंबर को सलमान से मिलने उन्हीं पुरानी गलियों में पहुंचे। उन्होंने इस मुलाकात का एक वीडियो अपने X अकाउंट पर भी साझा किया। पुलिस की गाड़ी देखकर पहले सलमान थोड़ा घबरा गए, लेकिन जैसे ही उन्होंने संतोष को पहचाना, उन्हें याद आया कि यह वही व्यक्ति है जो उनसे सब्जी खरीदता था। इसके बाद दोनों के बीच भावुक बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ।
संतोष पटेल मूल रूप से मध्य प्रदेश के पन्ना जिले से हैं और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। सरकारी स्कूल में पढ़ाई करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग पूरी की और फिर एमपी पीएससी की तैयारी में जुट गए। उनकी मेहनत रंग लाई, और 1 अक्टूबर 2016 को उन्होंने डीएसपी पद के लिए अंतिम परीक्षा पास कर ली।
संतोष की शादी 29 नवंबर 2021 को हुई थी, और उनकी साइकिल पर अपनी पत्नी के साथ निकली तस्वीर ने काफी चर्चा बटोरी थी। हाल ही में एक और वीडियो वायरल हुआ था जिसमें संतोष अपनी मां के साथ बुंदेलखंडी भाषा में खेत में बैठे बातचीत कर रहे हैं। वे अपनी मां से शहर में आकर रहने का आग्रह करते हैं, लेकिन उनकी मां गांव छोड़ने से इनकार कर देती हैं।