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बांगर बेल्ट की पांचों सीटों पर रोचक चुनाव, भाजपा ने खेला गैर-जाट कार्ड

09:22 AM Sep 29, 2024 IST
दुष्यंत चौटाला

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
जींद, 28 सितंबर
बांगर बेल्ट यानी जींद जिले के अंतर्गत आने वाले पांचों विधानसभा क्षेत्रों में इस बार दिलचस्प चुनाव हो रहा है। इस जिले की दो सीटें- उचाना कलां और जुलाना तो सबसे हॉट सीटों में शामिल हैं। जुलाना में ओलंपियन विनेश फोगाट व डब्ल्यूडब्ल्यूई की पहलवान कविता दलाल के मैदान में होने की वजह से सभी की नजरें हैं। वहीं, उचाना कलां सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ़ बीरेंद्र सिंह अपने बेटे व पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह के लिए जोर लगा रहे हैं। यहां पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के सामने कम चुनौतियां नहीं हैं।
उचाना की सीट पर चुनावी मुकाबला इसलिए भी रोचक बना हुआ है, क्योंकि कांग्रेस के बागी दो नेता वीरेंद्र घोघड़िया और दिलबाग सिंह संडिल निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों ही कांग्रेस का टिकट मांग रहे थे, लेकिन बृजेंद्र सिंह को टिकट मिलने के बाद उन्होंने बगावत कर दी। दिलबाग सिंह संडिल को कांग्रेस छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर चुकी है। वहीं, वीरेंद्र घोघड़िया के खिलाफ अभी तक इस तरह की कार्रवाई नहीं करना भी कांग्रेसियों के बीच चर्चाओं का विषय बना हुआ है।

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दूसरी ओर, भाजपा ने उचाना कलां में गैर-जाट कार्ड खेलते हुए ब्राह्मण कोटे से देवेंद्र सिंह अत्री को उम्मीदवार बनाया है। सामाजिक रूप से काफी एक्टिव देवेंद्र अत्री के पिता चर्तुभुज अत्री इनेलो में सक्रिय रहे। भाजपा ने इस बार जींद में चुनावी समीकरण बिगाड़ने के लिए पांचों सीटों पर गैर-जाट प्रत्याशियों को टिकट दिया है। नरवाना विधानसभा हलका अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। बाकी की चार सीटों में से दो से तीन पर भाजपा भी जाट चेहरों को टिकट देती रही है।
यह पहला मौका है जब भाजपा ने एक भी जाट नेता को टिकट नहीं दिया। टिकट नहीं मिलने की वजह से भाजपा के जाट नेताओं ने बगावत भी की है। उचाना कलां की सीट पर इनेलो-बसपा गठबंधन ने बड़ा खेल खेला है। यहां से गठबंधन ने दलित समुदाय के विनोद सरपंच को टिकट दिया है। देवेंद्र सिंह अत्री उचाना के चुनावी रण में गैर-जाट मतदाताओं के सहारे अपनी नैया पार लगाने की जुगत में हैं। हालांकि, जाट और एससी वोटरों की लामबंदी पर बहुत कुछ निर्भर करने वाला है।
जींद शहर की सीट पर भी इस बार मुकाबला कांटे का बन गया है। यहां से भाजपा के मौजूदा विधायक डॉ़ कृष्ण मिढ्ढा को कांग्रेस के महावीर गुप्ता से कड़ी टक्कर मिल रही है। महावीर गुप्ता पूर्व शिक्षा मंत्री मांगेराम गुप्ता के बेटे हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की पसंद से महावीर गुप्ता को टिकट मिला है। वहीं, कृष्ण मिढ्ढा के स्व़ पिता हरिचंद मिढ्ढा जींद शहर से इनेलो टिकट पर विधायक चुने गए थे। जींद सीट पर मुकाबला पंजाबी-बनाम बनिया भी बनाने की कोशिश हो रही है। वहीं, कांग्रेस के बागी प्रदीप गिल निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा को उम्मीद है कि प्रदीप गिल कांग्रेस के वोट बैंक में बड़ा डेंट मार सकते हैं। हालांकि, अभी तक भी इस सीट पर त्रिकोणीय चुनाव नहीं बन पाया है। आमने-सामने की ही टक्कर हो रही है। प्रदीप गिल पहले इनेलो में युवा के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी के वजीर सिंह ढांडा और इनेलो के नरेंद्र शर्मा जुलाना की सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। जननायक जनता पार्टी ने पूर्व मंत्री प्रो़ परमानंद के बेटे इंजीनियर धर्मपाल को उम्मीदवार बनाया है। जजपा ने शहर की सीट पर बैकवर्ड कार्ड खेला है।

सफीदों में भाजपा के दो-दो बागी

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भाजपा ने सफीदों सीट पर भी ब्राह्मण कार्ड खेला। नारनौंद (हिसार) से 2019 में जजपा विधायक बने रामकुमार गौतम को भाजपा में शामिल करवा कर सफीदों से उम्मीदवार बनाया गया। गौतम को सफीदों इसीलिए शिफ्ट किया गया ताकि नारनौंद से चुनाव लड़ रहे पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को फायदा हो सके। कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक सुभाष गांगोली को ही उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर भाजपा के दो बागी चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी वजह से सफीदों में राजनीतिक समीकरण बिगड़ रहे हैं। पूर्व मंत्री बच्चन आर्य भाजपा से बागी होकर निर्दलीय खड़े हैं। वहीं, निर्दलीय विधायक रहे जसबीर देशवाल भी भाजपा टिकट के दावेदार थे। टिकट नहीं मिलने पर वे भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में डटे हैं। ऐसे में इस सीट पर मल्टी कार्नर मुकाबला हो सकता है।

जुलाना में आमने-सामने की टक्कर

विनेश फोगाट, कविता दलाल, कैप्टन योगेश, सुरेंद्र लाठर

जुलाना से कांग्रेस से विनेश फोगाट चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा ने पिछड़ा वर्ग के कैप्टन योगेश बैरा को उम्मीदवार बनाया है। योगेश बैरानी पायलट रहे हैं और वे लंबे समय से भाजपा में सक्रिय हैं। आबकारी एवं कराधान विभाग में अधिकारी रहे सुरेंद्र लाठर भाजपा टिकट के लिए प्रयास कर रहे थे। भाजपा में शामिल होने से पहले उन्होंने सरकारी सेवाओं से भी वीआरएस ली। भाजपा ने जब उनकी जगह योगेश बैरागी को उम्मीदवार बना दिया तो सुरेंद्र लाठर ने भाजपा को अलविदा बोल दिया। वे अब इनेलो-बसपा टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। लाठर की यहां त्रिकोणीय मुकाबला बनाने की कोशिश भी है। आम आदमी पार्टी ने विनेश फोगाट की तरह ही सेलिब्रिटी को जुलाना से टिकट दिया है। डब्ल्यूडब्ल्यूई की अंतर्राष्ट्रीय पहलवान कविता दलाल को प्रत्याशी बनाया है।

नरवाना में त्रिकोणीय फाइट

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नरवाना में त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ है। कांग्रेस ने यहां से सतबीर सिंह दबलैन को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला कोटे से उन्हें टिकट मिला है। 2008 के परिसीमन से पहले रणदीप सुरजेवाला खुद नरवाना के विधायक रह चुके हैं। भाजपा ने पूर्व राज्य मंत्री कृष्ण बेदी को नरवाना से टिकट दिया है। बेदी कुरुक्षेत्र के शाहबाद से चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन भाजपा ने इस बार नया प्रयोग करते हुए उन्हें नरवाना शिफ्ट किया है। इनेलो-बसपा गठबंधन ने विद्या दनौदा को चुनाव मैदान में उतारा हुआ है। विद्या दनौदा ने यहां के चुनाव को पूरी तरह से दिलचस्प बनाया हुआ है। यहां त्रिकोणीय फाइट के चलते लोगों में भी दुविधा बनी हुई है।

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