संपत्ति कर का करोड़ों दबाए बैठे धनकुबेरों के संस्थान होंगे सील
जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 7 जनवरी
प्रापर्टी टैक्स का बरसों से लाखों रुपया टैक्स दबाकर बैठे धनकुबेरों के खिलाफ नगर निगम अम्बाला द्वारा सीलिंग की कार्रवाई शुरू करने जा रहा है। नगर निगम के रिकार्ड के अनुसार बकाएदारों की ओर कई करोड़ रुपये का संपत्ति कर बकाया है।
दरअसल, क्षेत्र के कई सरमायेदार बरसों से नगर निगम का लाखों रुपया प्रापर्टी टैक्स का दबाकर बैठे हैं। इससे न केवल नगर का विकास प्रभावित हो रहा है बल्कि नगर निगम प्रशासन की ज्यादा एनर्जी ऐसे बकाएदारों से पैसा वसूलने में लग रही है। स्टाफ का वैसे ही टोटा बना हुआ है। ऐसे में साधन संपन्न होने के बावजूद टैक्स नहीं चुकाने की फितरत पाले ऐसे लोगों को अब प्राॅपर्टी सीलिंग के कारण होने वाले सामाजिक अपमान का डर भी सताने लगा है। ऐसे सभी लोगों को नगर निगम नोटिस भेज चुकी है जिनकी ओर एक लाख रुपये से ज्यादा का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया है। कुछ सौ लोग ऐसे भी हैं जिनकी ओर ज्यादातर राशि बकाया है। इनमें कामर्शियल प्राॅपर्टी, स्टोरेज गोदाम आदि शामिल हैं। इसके अलावा बैंकों, होटलों, अस्पतालों, मैरिज पैलेस व पेट्रोल पंपों की ओर बकाया है। इसके अलावा औद्योगिक एवं संयुक्त प्रापर्टी के मामलों में भी करोड़ों का प्रापर्टी टैक्स बकाया बताया गया है। ऐसे लोगों के चक्कर काट काट कर तंग आ चुके नगर निगम ने सीलिंग की कार्रवाई शुरू करने के अलावा कोई चारा नहीं है। सरकारी विभागों को इसमें शामिल नहीं किया जा रहा है।
दुरुस्त नहीं अधिकांश संपत्तियों का रिकार्ड
नगर निगम का संपत्ति रिकार्ड दुरुस्त नहीं होना सबसे बड़ी विडंबना है। अम्बाला नगर निगम क्षेत्र में करीब सवा लाख प्रॉपर्टी आईडी हैं। सेल्फ डिक्लरेशन के बाद करीब 20 प्रतिशत संपत्तियों का ही रिकार्ड सही दर्ज माना जा सकता है बाकी सब में बंदरबांट है। खाली पड़े प्लाटों का डॉटा अलग से है जो हजारों में है। ऐसे में इनमें से निगम रिकार्ड के अनुसार काफी बकाएदारों को लेकर मौके पर जाकर ही पता चल पाएगा कि संबंधित की ओर कितनी राशि वास्तव में बकाया है। याशी कंपनी द्वारा किए गए सर्वे में हुई लापरवाही के कारण अधिकतर संपत्तियों का याशी रिकार्ड और वास्तविक रिकार्ड मेल ही नहीं खाता। उसके किए की सजा आम लोगों को भुगतनी पड़ रही है।
''नगर निगम आयुक्त सचिन गुप्ता के आदेश से बकाएदारों को नोटिस भेज कर बकाया संपत्तिकर जमा करवाने को कहा गया था। जिन लोगों ने उन नोटिसों की परवाह नहीं की, उनके खिलाफ एक बार फिर सीलिंग की कार्रवाई शुरू की जाएगी। यह कार्रवाई बकाया राशि के जमा होने तक जारी रहेगी।''
-राजेंद्र मेहता, अधीक्षक, नगर निगम