अंदरूनी उठापटक
24 जुलाई के दैनिक ट्रिब्यून में राजकुमार सिंह का लेख ‘दिल मिले न मिले, पर साथ चले’ पंजाब प्रदेश की अंदरूनी उठापटक की कहानी बताने वाला था। चुनावी सरगर्मियों के बीच कांग्रेस के क्षत्रपों के वर्चस्व की लड़ाई की कीमत पार्टी को छह माह बाद होने वाले चुनाव में निश्चित रूप से चुकानी पड़ेगी। कैप्टन जैसे राजनेता को हाशिए पर धकेल कर कांग्रेस पंजाब में जड़ें नहीं जमा सकती। मौका देखकर कैप्टन अपना दांव जरूर खेलेंगे। हालात का गहराई से विश्लेषण करने वाले लेख के लिए साधुवाद!
मधुसूदन शर्मा, रुड़की, उत्तराखंड
कुदरत का कहर
आजकल पूरे देश में बाढ़ व भूस्खलन से कोहराम मचा हुआ है। बाढ़, भूस्खलन व मकानों के गिरने से सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं और हजारों परिवार इसका दंश झेल रहे हैं। हाल ही में किन्नौर जिले के सांगला में बहुत बड़ा भूस्खलन हुआ, जिसने 9 पर्यटकों की जान ले ली तथा करोड़ों रुपए की लागत से बना लोहे का पुल भी टूट गया। हमें बाढ़, भूस्खलन व बादल फटने से बचने के उपायों के बारे में सोचना होगा। वैसे भी मौसम चक्र बदल चुका है। इससे बचने के लिए हमें प्रदूषण को आधुनिक तकनीक से नियंत्रित करना होगा।
नरेंद्र कुमार शर्मा, भुजड़ू,जोगिंदर नगर
हौसला दें
टोक्यो ओलंपिक पर हर व्यक्ति की नजर है। हमारी भूमिका हर उस खिलाड़ी का समर्थन करने की होनी चाहिए जो अपने देश की प्रतिष्ठा में योगदान दे रहा है। उनकी जीत या हार को अलग रखते हुए, हमें उन्हें अधिकतम स्तर तक प्रोत्साहित करना चाहिए और उनके लिए अप्रासंगिक टिप्पणियों का उपयोग करने से बचना चाहिए।
कमलप्रीत सिंह, लुधियाना