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बड़े पर्दे के जरिये बदलाव की पहल

10:39 AM Jul 06, 2024 IST
बड़े पर्दे के जरिये बदलाव की पहल
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देश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार से हम सब परेशान हैं। सभी नागरिक अकसर इन मुद्दों पर सिस्टम को कोसते हैं। लेकिन इससे मुक्ति के लिए खुद आगे नहीं आते। चुनाव में भी इस आधार पर मतदान नहीं करते, तो इसके जिम्मेदार हम ही हैं। एक्शन थ्रिलर मानी जा रही फिल्म हिंदुस्तान-2 की कहानी ऐसे ही प्रयास को लेकर है। यह स्वतंत्रता सेनानी वीर सेकरन सेनापति यानी कमल हासन के इर्द-गिर्द घूमती है, जो बदलाव के लिए खुद आगे आता है , भ्रष्टाचार से लड़ने की पहल करता है।

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हेमंत पाल

डायलॉग-1 : ‘ये स्वतंत्रता का नया जन्म है। यहां गांधी के रास्ते पर तुम हो, नेता जी के रास्ते पर मैं हूं। टॉम एंड जेरी का खेल अब शुरू हो चुका है।’ डायलॉग-2 : ‘कैसा देश है ये, पढ़े-लिखों के पास काम नहीं, काम है तो उस लायक पगार नहीं, टैक्स भरो लेकिन कोई फैसिलिटी नहीं। चोर चोरी करता है करेगा, अपराधी अपराध ही करेगा। डायलॉग-3 : हम जब देखो दुनिया को दोष देते रहते हैं, सिस्टम ठीक नहीं है, इसे ठीक करना होगा, मुंह फाड़कर चिल्लाते हैं। लेकिन, इसे ठीक करने के लिए हम एक तिनका भी नहीं हिलाते।
ये कमल हासन की नई फिल्म ‘हिंदुस्तानी-2’ के डायलॉग हैं, जो इशारा करते हैं कि 28 साल बाद आई इस सीक्वल फिल्म की थीम क्या है। यह फिल्म ‘इंडियन’ का सीक्वल है। कमल हासन ने ‘इंडियन’ में सेनापति का किरदार निभाया था। फिल्म में वे देश में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़े थे। अब ‘हिंदुस्तानी-2’ उसी कहानी का अगला हिस्सा है। फर्क इतना कि उस फिल्म का शीर्षक हिंदी में ‘इंडियन’ था, इसका अंग्रेजी में ‘हिंदुस्तानी 2’ है। ट्रेलर से फिल्म में कमल हासन के वही तेवर दिखाई दिखाई दे रहे हैं। इस फिल्म को लेकर कमल हासन का कहना है ‘क्या मैं नफरत करूं या शुक्रिया अदा करूं? आखिर हमने क्या किया है? यह हम ही हैं, राजनेता कोई और नहीं, बल्कि हम में से ही एक हैं। हम सभी भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार हैं। हम सभी को अपना विचार बदलना चाहिए और अपना विचार बदलने का सबसे अच्छा समय चुनाव के दौरान है। ये सिर्फ याद दिलाते हैं कि हम कितने भ्रष्ट हो गए हैं। भ्रष्टाचार की वजह से कुछ नहीं बदला, हम सब एक साथ आएंगे और अपना विवेक लगाएंगे तो उसकी बदौलत सब कुछ बदल जाएगा।’ फिल्म के पहले भाग यानी ‘इंडियन’ की कहानी का कथानक था कि एक आदमी ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ता है। उसे गिरफ्तार करके प्रताड़ित किया जाता है। देश की आजादी के बाद वह भ्रष्टाचार से लड़ने का प्रयास करता है, पर वह इस बात से अनजान रहता है, कि उसका ही बेटा भ्रष्ट है।

व्यवस्था बिगाड़ने वालों से मुकाबला

फिल्म के 2 मिनट 37 सेकंड के ट्रेलर में एक्शन और देशभक्ति की भरमार है। इसमें सिद्धार्थ और रकुल प्रीत सिंह भी नजर आएंगे। ट्रेलर देखकर मालूम होता है कि सिद्धार्थ और रकुल उन लोगों से परेशान हैं, जो सिस्टम को गंदा कर रहे हैं। दोनों उनसे लड़ लड़कर थक गए। लेकिन, सिद्धार्थ समझ जाते हैं, कि उनसे अकेले यह ठीक नहीं होगा। इसके खात्मे के लिए हंटिंग डॉग को आना चाहिए। इसके बाद ही ट्रेलर में सेनापति (कमल हासन) की धमाकेदार एंट्री होती है। जो स्वतंत्रता सेनानी वीर सेकरन सेनापति की भूमिका में हैं। इसमें कमल हासन सिस्टम की गंदगी को साफ करने के लिए कई अलग-अलग अवतार में दिखाई देंगे। वे कहते हैं ‘ये स्वतंत्रता का नया जन्म है। यहां गांधी के रास्ते पर तुम हो, नेता जी के रास्ते पर मैं हूं। आगे कहते हैं ‘टॉम एंड जेरी का खेल अब शुरू हो चुका है।’ फिल्म की खासियत है 69 साल की उम्र के कमल हासन का एक्शन। अब 12 जुलाई को ‘हिंदुस्तानी-2’ हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज होगी।

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भ्रष्टाचार पर केंद्रित कहानी

फिल्म में कमल हासन को अपने सिग्नेचर स्टाइल मार्शल आर्ट के साथ स्टंट करते दिखाया गया है। ट्रेलर से यह फिल्म भ्रष्टाचार से जंग पर केंद्रित कहानी नजर आ रही है। इसकी कहानी वीर सेकरन सेनापति नाम के स्वतंत्रता सेनानी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो सिस्टम में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की हर संभव कोशिश करता है। इस आधार पर ‘हिंदुस्तानी-2’ को थ्रिलर फिल्म बताया जा रहा है जो ‘2.0’ और ‘अन्नियन’ जैसी हिट फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले एस शंकर निर्देशित है।

व्यवस्था के खिलाफ आवाज

फिल्म में बेरोजगारी और लचर कानून व्यवस्था को राजनीतिक कारण बताया गया है। सामान्यतः व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाना फिल्मकारों के लिए आसान नहीं है। लेकिन, यह पूरी फिल्म इसी कथानक पर गढ़ी गई। इस बारे में कमल हासन का कहना है कि यह समस्या अंग्रेजों के समय से है। लोग तब भी फिल्में बनाते थे, हम भी ऐसी फिल्में बनाते रहेंगे। सरकार से सवाल पूछना नागरिकों का अधिकार है। सिर्फ फिल्म निर्माता का ही नहीं, सवाल पूछना तो नागरिकों के अधिकार में भी शामिल है। कलाकारों को राजनीतिक फिल्में बनाते समय मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, यह बात सही है। हम कलाकार के रूप में आम जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए नतीजों के बारे में सोचे बिना, हिम्मत के साथ मुद्दों के बारे में बात करते हैं। सरकार नाराज भी हो सकती है लेकिन जनता का स्नेह उस आग को बुझा देगा। ‘इंडियन 2’ की टैगलाइन ‘जीरो टॉलरेंस’ है। इस पर कमल हासन ने कहा कि- मैं गांधी जी का फैन हूं। उन्होंने टॉलरेंस सिखाया है। मैं कहता हूं कि मैं उस सहिष्णुता के बिजनेस का फैन नहीं हूं। गांधी मेरे हीरो हैं। लेकिन, आप जो बर्दाश्त करते हो, वो सिरदर्द है। जो कुछ समाज के लिए सिरदर्द है, उसके लिए आपको जीरो टॉलरेंस रखना चाहिए। कोई दवा खोजिए जो इस सिरदर्द को खत्म करे।

फिल्म दो हिस्सों में बांटी गई

‘हिंदुस्तानी-2’ की कहानी फिल्म के क्लाइमेक्स के साथ ख़त्म नहीं होगी, अभी यह कहा नहीं जा सकता। संभवतः इसका तीसरा भाग भी आए। इस कहानी को दो हिस्सों तक बढ़ाने का कारण यही था कि निर्देशक एस शंकर को एडिटिंग के दौरान फिल्म का हर सीन अच्छा लगा। वे इन्हें काटने के मूड में नहीं थे। इसका एक ही हल था कि फिल्म के कथानक को दूसरे भाग तक बढ़ाया जाए। यही वजह थी कि ‘हिंदुस्तानी-2’ बनाई गई। दोनों फिल्मों में फर्क यह है कि ‘इंडियन’ की कहानी एक राज्य के आस-पास घूमती थी। जबकि, ‘हिंदुस्तानी-2’ की कहानी देशभर की है। ऐसे में ‘हिंदुस्तानी-2’ में एक लंबी कहानी देखने को मिलेगी। इसलिए कि फिल्म की मूल कहानी बेहद विस्तृत और जटिल है। जब इस कहानी को आगे बढ़ाया तो उन्हें अहसास हुआ कि इसे एक ही फिल्म में समेटना बहुत मुश्किल है। इसलिए उन्होंने इसे दो भागों में बनाने का फैसला किया। पहला पार्ट एक राज्य के इर्द-गिर्द घूमता है। पहली फिल्म तीन घंटे, 20 मिनट की फिल्म है। अब कहानी पूरे देश में सभी राज्यों में फैल गई है। इसलिए कहानी बड़ी हो गई।

-सभी चित्र लेखक

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