जैव प्रौद्योगिकी प्रोत्साहन नीति बनाएगा उद्योग विभाग
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 23 फरवरी
जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र अब तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्रों में शुमार हो चुका है। यह इको सिस्टम में अनुसंधान और विकास केंद्र, कुशल जनशक्ति की उपलब्धता, उद्योगों के लिए प्रोत्साहन और क्लस्टर्ड सामान्य बुनियादी ढांचे शामिल हैं। हरियाणा को जैव प्रौद्योगिकी सेक्टर में पावर हाउस के रूप में उभारा जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने बजट में जैव प्रौद्योगिकी प्रोत्साहन नीति बनाने का ऐलान किया है।
अगले छह महीनों में यह पॉलिसी नोटिफाई की जाएगी। इससे पहले इसके लिए जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कार्यरत उद्योगपतियों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। उद्योग विभाग के बजट को सरकार ने 16 प्रतिशत से अधिक बढ़ाया है। पिछले बजट में उद्योग के लिए 793 करोड़ रुपये मिले थे। इस बार 922 करोड़ से अधिक का प्रावधान किया गया है। सीएम का कहना है कि विकसित बुनियादी सुविधाओं, बेहतर कनेक्टिविटी, कुशल जनशक्ति और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुविधाओं से ही हरियाणा को सैदव से औद्योगिक पावर हाउस माना गया है।
30 प्रतिशत नये इलेक्टिक वाहनों की बिक्री का लक्ष्य
सीएम ने कहा कि भारत वैश्विक ईवी30@30 अभियान का भी समर्थन करता है। इसके तहत 2030 तक कम से कम तीस प्रतिशत नये इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री करना है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 शुरू की है। अब तक 12 योजनाओं को इस नीति के तहत अधिसूचित किया है।
ड्रोन निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 10 करोड़ का स्टार्टअप फंड
ड्रोन प्रौद्योगिकी भी नये आधुनिक उद्योग के रूप में उभर रही है। कई क्षेत्रों में इसका उपयोग किया जाएगा। सरकार का मानना है कि ड्रोन निर्माण और ड्रोन आधारित इमेजिंग सेवाओं में हरियाणा को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। हरियाणा में ड्रोन निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 10 करोड़ रुपये का स्टार्टअप फंड स्थापित करने का फैसला लिया है।