प्रदूषण के लिए उद्योग ज्यादा जिम्मेदार, किसान नहीं देंगे जुर्माना : सुरेश कोथ
अम्बाला शहर, 20 अक्तूबर (हप्र)
भारतीय किसान मजदूर यूनियन के राष्ट्र्र्रीय अध्यक्ष सुरेश कोथ पराली जलाने को लेकर किए गये हरियाणा सरकार के फैसले से नाखुश दिखाई दिए और उन्होंने सरकार को आंदोलन की चेतावनी तक दे डाली। उन्होंने प्रदूषण के लिए किसानों से ज्यादा उद्योगों को जिम्मेवार बताया है। उन्होंने सूखे धान पर भी नमी अथवा क्वालिटी की आड़ में लगाये जा रहे कट को लेकर भी नाराजगी जाहिर की। आज अम्बाला शहर अनाज मंडी में धान खरीद को लेकर की गई व्यवस्था का जायजा लिया और किसानों से बात की। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अम्बाला मंडी को लेकर उनके पास काफी शिकायतें आ रही थीं जिनमें एक प्रमुख समस्या धान उठान नहीं होने को लेकर थी जिसके कारण किसान को धान डालने के लिए मंडी में स्पेस नहीं मिल रहा। दूसरी समस्या सूखे धान पर भी नमी या क्वालिटी की आड़ में कट लगाया जा रहा जिसे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे कट अवैध हैं और यदि किसान चाहेंगे तो आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह को इन समस्याओं पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल ही में नायब सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिये। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फसले से किसानों में भारी नाराजगी है। सुरेश कोथ ने कहा कि अगर सरकार हर गांव में पराली प्रबंधन के लिए मशीनें उपलब्ध करवाएगी तो कोई किसान पराली नहीं जलाएगा। लेकिन जहां सरकार कोई व्यवस्था नहीं करती जिसके कारण संसाधनों के अभाव या समय की कमी के कारण किसान मजबूरी में अपनी फसल के अवशेष जलाने को मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने पूरे मामले की जांच करवाने की मांग भी की कि प्रदेश के सभी गांवों में ऐसी मशीनें क्यों नहीं उपलब्ध करवाई गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसान एक भी पैसा जुर्माना अदा नहीं करेगा।
गुरनाम सिंह चढूनीं के कांग्रेस द्वारा धोखा देने संबंध दावों को लेकर पूछे सवाल के जवाब में कोथ ने कहा कि चढ़ूनी राजनीतिक भाषा बोल रहे हैं और उसकी बातों का जवाब वही दे सकते हैं।
‘एक झंडे के तले करेंगे काम’
सुरेश कोथ ने वरिष्ठ किसान नेता सुखविंदर सिंह जलबेड़ा को किसान मजदूर यूनियन का जिला प्रधान नियुक्त करने की घोषणा करते हुए कहा कि सुखविंदर पिछले काफी समय से किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं, पहले झंडे अलग थे लेकिन अब एक ही झंडे क नीचे काम करेंगे। उन्होंने कहा कि वह पूरे जिला में अपनी टीम को गठित करेंगे और यूनियन के एजेंडे को जिला के किसानों के बीच लेजाकर उन्हें अपने झंडे तले एकत्र करने का काम करेंगे।