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चीन सीमा पर भारत ने स्थापित की बुद्ध की प्रतिमाएं

06:58 AM Jul 08, 2024 IST
चीन सीमा पर भारत ने स्थापित की बुद्ध की प्रतिमाएं
पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास पैंगोंग त्सो के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर लुकुंग में स्थापित भगवान बुद्ध की प्रतिमा। - ट्रिन्यू
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अजय बनर्जी/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 7 जुलाई
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन की पूरी तरह से सुसज्जित सेनाएं अपनी-अपनी स्थिति बनाए हुए हैं। इधर, नयी दिल्ली ने ‘आस्था’ और ‘श्रद्धा’ का तत्व जोड़कर शांति का संदेश देने की कोशिश की है। भारत ने एलएसी पर अलग-अलग प्रमुख स्थानों पर भगवान बुद्ध की प्रतिमाएं स्थापित की हैं। एलएसी पर दो और स्थानों पर इसी तरह की प्रतिमाएं स्थापित करने की योजना है।
बताया जा रहा है कि 135 किलोमीटर चौड़ी पैंगोंग झील के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर लुकुंग में भगवान बुद्ध की एक प्रतिमा स्थापित की गई है। एक अन्य प्रतिमा चुशुल में स्पैंगुर गैप के सामने स्थापित की गई है। इस स्थान पर दोनों सेनाएं आमने-सामने होती हैं। सूत्रों ने बताया कि ऐसी दो और प्रतिमाएं लगाने की योजना है। एक डेमचोक में और दूसरा स्थल तय किया जाना है। लुकुंग और चुशुल 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान खूनी लड़ाइयों के गवाह हैं। लुकुंग पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर ‘फिंगर 4’ के ठीक पश्चिम में है, जहां 1962 में सेना द्वारा चीनी सैनिकों को वापस भेजा गया था। मूर्तियों के संदेश के बारे में पूछे जाने पर एक अधिकारी ने कहा, ‘बंदूकें, टैंक, मिसाइल और सैनिक अपने स्थानों पर बने रहेंगे। बुद्ध की मूर्तियां सैन्य और कूटनीतिक रुख में किसी भी बदलाव का संकेत नहीं हैं।’ एक अधिकारी ने इनका उल्लेख लद्दाखी बौद्धों को बढ़ावा देने के प्रयासों के रूप में किया, जो सदियों से यहां हैं।

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पिछले सप्ताह हुआ अनावरण

पिछले सप्ताह भारतीय सेना के अधिकारियों और स्थानीय लोगों की मौजूदगी में मूर्तियों का पहली बार ‘अनावरण’ किया गया। पूर्वी लद्दाख में तैनात भारतीय सेना की लेह स्थित 14वीं कोर ने कल एक्स पर मूर्तियों का एक वीडियो पोस्ट किया और कहा, ‘वसुधैव कुटुम्बकम के सार को कायम रखना... पूर्वी लद्दाख के अग्रिम इलाकों में एकजुटता, आध्यात्मिक मूल्यों और शाश्वत शांति को बनाए रखने के लिए दुनिया एक परिवार है।’ वीडियो में कहा गया है कि भगवान बुद्ध की मूर्तियां ‘भूमिस्पर्श मुद्रा’ में हैं। बताया गया कि यह बोधि वृक्ष के नीचे बुद्ध के ज्ञानोदय का प्रतीक है।

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