भारत प्रथम और वसुधैव कुटुम्बकम मार्गदर्शक सिद्धांत
नयी दिल्ली, 11 जून (एजेंसी)
लगातार दूसरी बार विदेश मंत्री बने एस. जयशंकर ने मंगलवार को अपना कार्यभार संभाल लिया। इस दौरान उन्होंने विदेश नीति को लेकर सरकार की योजनाओं के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि ‘भारत प्रथम’ और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ भारतीय विदेश नीति के दो दिशानिर्देशक सिद्धांत होंगे। चीन के साथ संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि सीमा पर कुछ मुद्दे बने हुए हैं और उन्हें सुलझाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘चीन को लेकर हमारा ध्यान इस बात पर होगा कि बाकी मुद्दों को कैसे सुलझाया जाए।’
इस्लामाबाद को लेकर नयी सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा, ‘पाकिस्तान के साथ हमारा आतंकवाद का मुद्दा है, सीमा पार आतंकवाद... यह एक अच्छे पड़ोसी की नीति नहीं हो सकती।’ उन्होंने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए प्रयास किये जाएंगे।
सरकार की विदेश नीति की प्राथमिकताओं के बारे में उन्होंने कहा, ‘भविष्य की ओर देखते हुए, मैं निश्चित रूप से सोचता हूं कि प्रधानमंत्री ने हमें जो दो सिद्धांत दिए हैं- भारत प्रथम और वसुधैव कुटुम्बकम, ये भारतीय विदेश नीति के दो मार्गदर्शक सिद्धांत होंगे।’ उन्होंने कहा, हम सभी को पूरा विश्वास है कि यह हमें ‘विश्व बंधु’ के रूप में स्थापित करेगा, एक ऐसा देश जो बहुत अशांत दुनिया में है, एक बहुत विभाजित दुनिया में है, संघर्षों और तनावों की दुनिया में है। यह वास्तव में हमें एक ऐसे देश के रूप में स्थापित करेगा जिस पर कई लोगों का विश्वास है, जिसकी प्रतिष्ठा और प्रभाव बढ़ेगा, जिसके हितों को आगे बढ़ाया जाएगा।
मुइज्जू ने द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने पर की चर्चा
माले (एजेंसी) : मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग मजबूत करने के तौर तरीकों पर चर्चा की। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ हुई बैठक में यह चर्चा हुई।