शिवालिक तलहटी में बढ़ रही आवारा कुत्तों द्वारा जानवरों को खाने की घटनाएं
अपर्णा बनर्जी/ट्रिन्यू
जालंधर, 29 अक्तूबर
पहले से ही कम हो रहे वन्य जीवन के लिए चिंता का विषय यह है कि पंजाब में शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में राज्य के जंगलों में आवारा कुत्तों द्वारा जानवरों को खाने की घटनाएं बढ़ रही हैं।
आधिकारिक रिकॉर्ड में पुष्टि की गई है कि आवारा कुत्तों ने पूरे राज्य में, विशेषकर पिछले छह महीनों के दौरान, विभिन्न स्थानों पर 20 से अधिक ‘सांभर’ और ‘नील गाय’ खाये हैं। अधिक चिंता की बात यह है कि वन रेंज क्षेत्रों के साथ-साथ तलहटी में नेवले, सुनहरी सियार, मोर और तीतर की अप्रकाशित, लेकिन बहुत अधिक हत्याएं होती हैं। लगभग 130 किलोमीटर लंबी शिवालिक पर्वतमाला होशियारपुर, शहीद भगत सिंह नगर और रोपड़ जिलों में स्थित है।
लगभग दो दशक पहले, शिवालिक की तलहटी में सुनहरी सियार और मोलिटर छिपकलियों का दिखना आम था। आज, ये जानवर तलहटी में इतने दुर्लभ हो गए हैं कि संरक्षकों को चिंता है कि वे विलुप्त होने के कगार पर हो सकते हैं। एक वरिष्ठ वन्यजीव अधिकारी ने पुष्टि की कि मानव आवास और अवैध शिकार में वृद्धि के साथ-साथ, जंगल में आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि से वन्यजीवों और जानवरों की भारी हानि हो रही है।
एक पुलिस अधिकारी (एएसआई) और संरक्षणवादी वरिंदर सिंह, जो तलवाड़ा और मुकेरियां के बीच जंगलों में नियमित रूप से छापेमारी करते हैं, ने कहा, ‘मैंने नेवले, मोलिटर छिपकलियों, छोटे भारतीय सिवेट सहित अन्य जानवरों पर आवारा कुत्तों द्वारा हमला होते देखा है। वे सांभर और नीलगाय, जंगली बिल्लियों, उल्लू, जंगली खरगोश पर भी हमला करते हैं। मैंने खुद एक नेवले को उसके चंगुल से बचाने के लिए कुत्ते का पीछा करने की कोशिश की है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। सुनहरी सियार आमतौर पर रात के समय तलहटी के जंगलों में चिल्लाते हैं, लेकिन अब उनके दर्शन भी दुर्लभ हैं।’
वरिंदर ने कहा, ‘पिछले छह महीनों के दौरान अकेले तलवाड़ा/मुकेरियां जंगलों के विभिन्न क्षेत्रों में कुत्तों द्वारा जंगली जानवरों पर हमला किए जाने की लगभग 20 मानवीय घटनाएं देखी गई हैं।’
नवांशहर के संरक्षणवादी और मानद वन्यजीव वार्डन निखिल सेंगर ने कहा, ‘मैंने हाल ही में आवारा कुत्तों के एक झुंड को सांभर पर हमला करते देखा है। और भी कई मामले सामने आए हैं। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, हम सभी को अभी स्थिति पर प्रतिक्रिया देनी होगी।’ पंजाब के मुख्य वन्यजीव वार्डन धर्मेंद्र शर्मा ने कहा, आवारा कुत्तों द्वारा इस तरह जंगली जानवरों पर हमला करना बहुत ही असंभव है। कुत्तों द्वारा नेवले या ऐसे कुछ अन्य जानवरों पर हमला करना अनसुना है जो काफी बड़े होते हैं। हमारी किसी भी टीम ने इस प्रकार के किसी हमले की सूचना नहीं दी है। हालाकि, हम इस पर गौर करेंगे।’