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पलवल में कांग्रेस के हेवीवेट उदयभान-दलाल के मुकाबले भाजपा के नये चेहरों के बीच मुकाबला

08:21 AM Sep 28, 2024 IST
उदयभान

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
पलवल, 27 सितंबर
पलवल : इस शहर में ब्रज की माटी की खुशबू है। ब्रज जैसा खान-पान भी है और बोली भी वैसी ही है। इससे भी बढ़कर यह कि इस शहर का राष्ट्रपति महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ गहरा नाता है। दोनों का ही यहां आना भी हुआ। यही नहीं, ‘बापू’ की पहली राजनीतिक गिरफ्तारी भी पलवल रेलवे स्टेशन पर ही हुई थी। पलवल जिले के तहत आने वाले तीन विधानसभा क्षेत्रों – पलवल, होडल व हथीन में चुनावी मुकाबला बड़ा दिलचस्प बन चुका है।

कांग्रेस के हेवीवेट चौ़ उदयभान और कर्ण सिंह दलाल के मुकाबले भाजपा ने नये चेहरों पर दांव लगाया है। गांधीजी रॉलेट एक्ट के खिलाफ जालंधर के जलियांवाला बाग में जा रहे थे। वे ट्रेन में थे और अंग्रेजी सरकार को इसकी सूचना थी। अंग्रेज अफसरों ने 10 अप्रैल, 1919 को गांधीजी को पलवल के रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया। यह उनकी पहली राजनीतिक गिरफ्तारी थी। उनकी गिरफ्तारी के बाद स्वाधीनता सेनानियों ने पलवल में गांधी आश्रम स्थापित करने का निर्णय लिया। 1938 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस पलवल पधारे और उन्होंने गांधी आश्रम का शिलान्यास किया।
पलवल जिले में सियासी पारा उफान पर है। पलवल सीट पर कांग्रेस ने पूर्व मंत्री कर्ण सिंह दलाल को टिकट दिया है। दलाल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नजदीकी रिश्तेदार भी हैं। 2019 में पलवल शहर से कर्ण सिंह दलाल को शिकस्त देने वाले भाजपा के मौजूदा विधायक दीपक मंगला की टिकट पार्टी ने काट दी। दीपक मंगला की टिकट काटकर भाजपा ने पलवल में ब्राह्मण कार्ड खेला है। यहां से भाजपा ने गौरव गौतम को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा में आमने-सामने की टक्कर है। होडल से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान चुनाव लड़ रहे हैं।
वहीं भाजपा ने उनके मुकाबले अपने मौजूदा विधायक जगदीश नय्यर का टिकट काटकर नये चेहरे के रूप में हरिंदर सिंह रामरतन को उम्मीदवार बनाया है। हरिंदर सिंह पूर्व विधायक रामरतन के बेटे हैं। भाजपा टिकट की दावेदार नवीन रोहिल्ला अब निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। उनके पति बिजली विभाग में चीफ इंजीनियर पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। नवीन रोहिल्ला ने आम आदमी पार्टी में रहते हुए होडल नगर पालिका की चेयरपर्सन का चुनाव लड़ा था और 10 हजार से अधिक वोट हासिल किए थे।
चौ़ उदयभान और हरिंदर सिंह रामरतन में ही फिलहाल सीधी फाइट नजर आ रही है। हालांकि निर्दलीय नवीन रोहिल्ला की वजह से समीकरण गड़बड़ा सकते हैं। वहीं टिकट कटने के बाद मौजूदा विधायक जगदीश नय्यर भी चुनाव प्रचार में उतना एक्टिव नहीं हैं। हथीन विधानसभा क्षेत्र से 2019 में भाजपा विधायक बने प्रवीन डागर पर भाजपा ने इस बार भरोसा नहीं किया। केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर की पसंद से मनोज रावत को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है।
मनोज रावत की पत्नी पलवल जिला परिषद की चेयरपर्सन हैं। वहीं कांग्रेस ने पूर्व मुख्य संसदीय सचिव जलेब खान के बेटे इजराइल खान को टिकट दिया है।
इनेलो-बसपा टिकट पर तैय्यब हुसैन भीमशिखा मैदान में हैं। वे पुलिस से सेवानिवृत्त हैं और पिछले चुनाव में 38 हजार के लगभग वोट हासिल किए थे।
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पूर्व विधायक केहर सिंह रावत भी मैदान में

टिकट नहीं मिलने से बागी हुए पूर्व विधायक केहर सिंह रावत भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वे यहां भाजपा के समीकरण बिगाड़ते दिख रहे हैं। पूर्व मंत्री हर्ष कुमार जजपा छोड़कर कांग्रेस में आ गए थे। वे हथीन से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने उनकी जगह इजराइल खान को टिकट दिया। हालांकि हर्ष कुमार निर्दलीय मैदान में नहीं आए हैं। बहरहाल, पलवल जिले की तीनों ही सीटों पर दिलचस्प चुनावी मुकाबला देखने को मिल रहा है। हालांकि अभी तक तीनों ही हलकों में कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर दिख रही है।

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