सुप्रीम कोर्ट के फैसले की गलत व्याख्या से आया असंभव नीट स्कोर
कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 7 जून
लोकसभा चुनाव की मतगणना के दिन 4 जून को जारी किए गए नीट (राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा) परिणाम में असंभव स्कोर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा सुप्रीम कोर्ट के एक जजमेंट की गलत व्याख्या करने से आए हैं, जिससे लाखों विद्यार्थी आहत हैं। इसके खिलाफ शीघ्र ही सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी। यह कहना है, अप्रत्याशित नीट स्कोर से स्तब्ध हिसार निवासी नकुल वशिष्ठ का। नकुल की स्वयं की एक सॉफ्टवेयर कंपनी है और वे थॉट लैब का संचालन भी करते हैं जिसमें बच्चों को पढ़ाई का तनाव लिए बिना संतुलित तरीके से कैसे पढ़ाई करें, उसके बारे में बताया जाता है। इसी थॉट लैब में बच्चों ने जब उनको नीट के अप्रत्याशित परिणाम के बारे में जानकारी दी तो उन्होंने उन बच्चों के लिए लड़ाई लड़ने का फैसला लिया है। नकुल ने बताया कि इस परीक्षा में 67 विद्यार्थियों को 720 में से 720 अंक मिले हैं और दो विद्यार्थियों ने 719 व 718 मिले। यही नहीं 650 अंक हासिल करने वाले का रैंक 29000 है, जो किसी भी तरह से जायज नहीं है।
एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) द्वारा उक्त परीक्षा को समय पर शुरू करने में असमर्थता के कारण कई केंद्रों पर कई अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा देरी से शुरू हुई और उनको पर्याप्त समय नहीं दिया गया।
इसके बाद एनटीए ने अपनी अक्षमता को छिपाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के 13 जून, 2018 के एक निर्णय को बिना गहन अध्ययन किए, आंख मूंदकर लागू कर दिया। नकुल ने कहा कि एनटीए के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को समझने में विफल रहे।