शिक्षा का महत्व
एक मल्लाह था। वह यात्रियों को बिठाकर पार ले जाता और उतर जाने पर किराया मांगता। इस पर आए दिन झंझट होता। एक दिन एक संत उसकी नाव में पार उतरे। रास्ते में उन्होंने उसे दो शिक्षाएं दीं। एक तो यह कि यात्रियों को चढ़ाने से पहले ही किराया वसूल कर लिया करे और बात-बात में आवेश में न आया करे। वार्ता करते रास्ता कट गया। मल्लाह ने संत से किराया मांगा, तो उन्होंने कहा, ‘उनके पास तो कुछ भी नहीं है। जो शिक्षाएं दी हैं, वे कम मूल्यवान नहीं हैं।’ मल्लाह ने कहा, ‘मुझे शिक्षा नहीं पैसा चाहिए।’ झगड़ा बढ़ने लगा। समाचार राजा तक पहुंचा। राजा ने सैनिकों को भेजा और मल्लाह को जेल भिजवा दिया। संत ने उसे जाकर छुड़ाया और समझाया कि जो दो शिक्षाएं उसे दी थीं, वे उसे आर्थिक लाभ भी देंगी और हानियों से भी बचाएगी। मल्लाह की समझ में अब वे शिक्षाएं आईं और उसके अनुसार आचरण करके सुखी रहने लगा।
प्रस्तुति : मुकेश ऋषि