आपराधिक कानूनों का क्रियान्वयन टाला जाए : कांग्रेस
नयी दिल्ली, 22 जून (एजेंसी)
कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों का क्रियान्वयन टाला जाना चाहिए ताकि इन तीनों कानूनों की गृह मामलों से संबंधित संसद की पुनर्गठित स्थायी समिति द्वारा गहन समीक्षा की जा सके। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र सरकार से यह आग्रह उस वक्त किया है जब पिछले दिनों कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा था कि भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर लाए गए भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम एक जुलाई से लागू किए जाएंगे।
रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, '25 दिसंबर 2023 को राष्ट्रपति ने भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को अपनी सहमति दी थी। इन तीन दूरगामी विधेयकों को बिना उचित बहस और चर्चा के संसद से मनमाने ढंग से पारित कर दिया गया था।' उन्होंने कहा कि जब ये विधेयक पारित किए गए जा रहे थे तब 146 सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। रमेश ने दावा किया, 'इससे पहले इन विधेयकों को देश भर के पक्षकारों के साथ विस्तार से बातचीत के बिना और कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के कई सांसदों (जो समिति के सदस्य थे) के लिखित और बड़े पैमाने पर असहमति से भरे नोट को नजरअंदाज करते हुए गृह मामलों पर स्थायी समिति के माध्यम से जबरन अनुमोदित कर दिया गया था। गौर हो कि एक दिन पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भी ऐसी ही मांग कर चुकी है।