Immigration Bill फर्जी पासपोर्ट पर अब नहीं मिलेगी राहत, सात साल की सजा और 10 लाख तक का जुर्माना
नयी दिल्ली, 16 मार्च (एजेंसी)
Immigration Bill भारत में फर्जी पासपोर्ट और वीज़ा का इस्तेमाल कर प्रवेश करने या बाहर जाने की कोशिश करने वालों के लिए बुरी खबर है। यदि नया इमिग्रेशन बिल संसद से पास हो जाता है, तो धोखाधड़ी वाले दस्तावेजों के उपयोग पर अब सात साल तक की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
गृह मंत्रालय द्वारा पेश किए गए इस बिल का मकसद न केवल अवैध प्रवासियों पर शिकंजा कसना है, बल्कि देश की सुरक्षा को और मजबूत करना भी है। यह विधेयक 11 मार्च को लोकसभा में पेश किया गया था और इसमें कई कड़े प्रावधान जोड़े गए हैं।
होटल, विश्वविद्यालय और एयरलाइंस भी आएंगी दायरे में
इस विधेयक के तहत होटल, विश्वविद्यालय, अन्य शैक्षिक संस्थान, अस्पताल और नर्सिंग होम को भी विदेशी नागरिकों की जानकारी रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा। इसका मकसद उन विदेशियों पर नजर रखना है, जो तय समय से ज्यादा भारत में ठहरते हैं।
यही नहीं, सभी अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियों और समुद्री जहाजों को भारत में प्रवेश करने से पहले अपने यात्रियों और चालक दल की सूची सरकार को सौंपनी होगी।
क्या कहता है बिल?
बिल के अनुसार, 'जो कोई जानबूझकर धोखाधड़ी से प्राप्त पासपोर्ट, यात्रा दस्तावेज या वीज़ा का उपयोग करता है या ऐसे दस्तावेजों की आपूर्ति करता है, उसे कम से कम दो साल और अधिकतम सात साल तक की सजा होगी। इसके साथ ही उस पर एक लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।'
बिना वैध दस्तावेज भारत में घुसने पर भी होगी सजा
अगर कोई विदेशी व्यक्ति बिना वैध पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेजों के भारत में प्रवेश करता है, तो उसे पांच साल तक की सजा और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना झेलना पड़ सकता है।
क्यों है यह बिल अहम?
भारत में हर साल सैकड़ों लोग फर्जी दस्तावेजों के जरिए अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश करते हैं। सरकार अब इस पर सख्ती से रोक लगाने के लिए यह विधेयक लाई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बिल भारत की सीमा सुरक्षा को मजबूत करेगा और अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।