हंग असेंबली हुई तो समर्थन का फैसला जनता ही करेगी: सावित्री
कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 22 सितंबर
मां अमीर हो या गरीब, मां तो मां होती है और बढ़ती उम्र में उसको बेटे की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस होती है। खासकर कोई मां चुनाव लड़ रही हो और वह भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर तो बेटे का उसके साथ होना अहम हो जाता है। बेटा साथ नहीं है, लेकिन मां तो फिर भी मां है, कह रही हैं कि बेटा अपनी पार्टी के प्रति जिम्मेदारियों की वजह से उनसे दूर है, लेकिन मां के प्रति फर्ज को वह नहीं भूला है।
हम बात कर रहे हैं, देश की सबसे अमीर महिला एवं भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल की, जिनको भाजपा ने टिकट नहीं दिया और वे बतौर निर्दलीय प्रत्याशी हिसार के चुनावी रण में उतर गईं। रविवार को चुनाव प्रचार के दौरान उनसे कई मुद्दों पर बात हुई।
सावित्री जिंदल ने कहा कि बेटा नवीन जिंदल भाजपा से सांसद है और गीता का उपदेश देने वाली धरती कुरुक्षेत्र में अपना धर्म निभा रहा है, लेकिन मां के प्रति जो दायित्व, चाहे वो चुनाव में ही क्यों ना हो, उनसे वह पीछे नहीं हटा है। जो एक बेटे को करना चाहिए और जो वह कर सकता है, नवीन कर रहा है और आज उनकी जगह पर हिसार के अनेक बेटे उनके लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
बेटे के कारण जनता आपको भी भाजपा का मान रही है कि चुनाव जीतने के बाद आप भी भाजपा को समर्थन देंगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि हिसार की जनता को जिन कामों की मुझ से उम्मीद है, वह करवाने के लिए मैं प्रतिबद्ध हूं। जिस तरह चुनाव लड़ने का फैसला जनता के कहने पर किया है, उसी तरह यदि हंग असेंबली हुई तो सरकार को समर्थन देने का फैसला भी जनता से पूछकर ही करूंगी। भाजपा व कांग्रेस द्वारा टिकट ना दिए जाने के कारणों पर उन्होंने कहा कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की भाजपा नेताओं से पुरानी जान पहचान है और उन्होंने दावा किया कि जिंदल परिवार का गढ़ तोड़कर वे दो बार हिसार से जीते हैं, इसलिए उनका टिकट कट गया होगा। रही बात कांग्रेस की तो वहां पर पार्टी की नेता कुमारी सैलजा के कहने पर हिसार की टिकट दी गई है।
साथ ही उन्होंने जोड़ा कि जब डॉ. गुप्ता ने जिंदल परिवार का गढ़ तोड़ा था, तब देश में मोदी की लहर थी और पूर्व सांसद सुभाष चंद्रा भी उसके खिलाफ थे, लेकिन अब दोनों ही स्थिति नहीं है और चंद्रा ने उनको समर्थन दिया है।
ज्यादा प्रत्याशी होने से बंटेगा कुछ वोट...
वैश्य समाज के तीन प्रमुख प्रत्याशियों के कारण वोट बंटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हिसार में वैश्य समाज के अलावा पंजाबी, सैनी व अन्य 36 बिरादरी के वोट हैं। वैश्य समाज पूरी तरह से मेरे साथ है और पंजाबी व सैनी समाज भी वर्षों से मेरे साथ जुड़ा हुआ है। यह ठीक है कि ज्यादा प्रत्याशी होने से वोट बंटेगा लेकिन जो थोड़ा बहुत नुकसान होगा, उसकी भरपाई दूसरे समाज के लोग कर देंगे।