संत ही मर्यादित नहीं रहे तो भक्त मर्यादित कैसे होंगे : कंवर साहेब
सफ़ीदों, 14 फरवरी (निस)
बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में आज सफ़ीदों के अंटा गांव के राधास्वामी आश्रम में विशाल आध्यात्मिक शिविर का आयोजन हुआ। राधास्वामी मत के परमसंत हुजूर कंवर साहेब ने कहा कि ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा का दिन बसंत पंचमी यूं भी महत्वपूर्ण है कि बसंती पंचमी के दिन ही अंटा गांव की इस पावन भूमि पर राधास्वामी परमसंत ताराचंद जी अपना मौन व्रत खोलते हैं। उन्होंने कहा कि आज तन, मन से तो सभी दुखी हैं लेकिन आज रूह से भी दुखी हो गए हैं क्योंकि आज रूह का कल्याण करने वाला कोई रहबर ही नहीं रहा। आज मान-मर्यादाओं में रहने वाले सन्त ही नहीं रहे तो भक्त मर्यादित कैसे होंगे। जिसको देखो वही पाप कर्म में धंसा जा रहा है जबकि सांसारिक कीचड़ से निकले बिना भक्ति के मार्ग पर चलना असम्भव है। उन्होंने उपस्थिति से आग्रह किया कि वे संकल्प लें कि वे भौतिक धन नहीं बल्कि भक्ति रूपी धन का संचय करेंगे तथा दया धर्म से अपने कर्तव्य निभा कर समाज की उन्नति में अपना योगदान करते रहेंगे।