3 जुलाई तक बर्बाद फसलों का मुआवजा नहीं तो कंपनी होगी ब्लैक लिस्ट
असीम यादव/हप्र
नारनौल, 29 जून
‘दैनिक ट्रिब्यून’ में 27 जून को ‘फसलों के मुआवजे के लिए दर-दर भटक रहे किसान, नहीं हो रही सुनवाई’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है। उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बृहस्पतिवार को लघु सचिवालय में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा बीमा कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक की। उपायुक्त ने बीमा कंपनी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि 3 जुलाई तक वे सभी बीमित किसानों का मुआवजा वितरित करें। ऐसा न करने की सूरत में कंपनी को भविष्य में ब्लैक लिस्ट करने के लिए मुख्यालय को लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से सभी कार्रवाई करने के बावजूद बीमा कंपनी मुआवजा वितरण का कार्य अभी तक लटकाए हुए है। यह बहुत ही गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि किसान पिछले दिनों ग्रीवेंस मीटिंग में भी अपनी बात रख चुके हैं। किसानों के साथ किसी भी प्रकार की नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी। अगर कंपनी तय समय में मुआवजा वितरित नहीं करती है तो सख्त कदम उठाए जाएंगे। उपायुक्त ने कहा कि जब हरियाणा सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से मुआवजा वितरित किया जा चुका है तो अभी तक कंपनी द्वारा क्यों नहीं दिया गया। इस बारे में उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली तो बताया कि विभाग द्वारा बार-बार रिपोर्ट भेजने के बावजूद किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया है।
डीसी ने बीमा कंपनी के प्रतिनिधि को स्पष्ट निर्देश दिए कि 3 जुलाई तक किसानों को मुआवजा वितरित नहीं किया गया तो उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाएगा तथा भविष्य में अगले वर्ष के लिए वे बोली में भाग नहीं ले पाएंगे। सरकार का मकसद है कि किसान अपनी फसल को बीमा से सुरक्षित करें ताकि किसी भी प्रकार की आपदा होने पर उसे आर्थिक हानि न पहुंचे। ऐसे में बीमा कंपनियों द्वारा समय पर मुआवजा वितरित किया जाना चाहिए। बैठक में कृषि विभाग से क्यूसीआई संजय यादव, एसएमएस सतवीर सिंह, एसए पंकज तथा बीमा कंपनी के प्रतिनिधि राहुल कुमार मौजूद थे।
साल 2022 से अटका है मुआवजा
गौरतलब है कि 2022 में खराब हुई खरीफ की फसल का लगभग 10 हजार किसानों का 3 करोड़ रुपये का मुआवजा आज तक किसानों के खाते में नहीं आया है, जबकि किसानों ने क्षतिपूर्ति पोर्टल पर भी अपनी रिपोर्ट दर्ज करवा चुके हैं। मुआवजे के लिए किसान दर्जनों बार कृषि विभाग के कार्यालय में चक्कर काट चुके हैं जबकि फसल का बीमा करने वाली रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी का तीन साल का टेंडर 31 मार्च 2023 को समाप्त भी हो चुका है। इस संबंध में 21 जून को भी किसानों ने सांसद धर्मवीर सिंह को ज्ञापन देकर उनकी फसलों का मुआवजा शीघ्र दिलवाने की मांग भी की थी, लेकिन वहां भी किसानों को सिर्फ आश्वासन ही मिला है। जिला में किसानों के साथ कृषि बीमा के नाम पर मजाक किया जा रहा है। जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बीमा करवा रखा था उन किसानों को आज तक मुआवजा नहीं मिला, किसान दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हैं।