दो दिन में ऑनलाइन सेवाएं शुरू नहीं कीं तो निलंबन के साथ होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई
शिमला, 25 जुलाई (हप्र)
हिमाचल में पटवारियों व कानूनगो के आंदोलन के चलते काम काज प्रभावित होने लगा है। इससे आम लोगों की दिक्कतें भी बढ़ने लगी हैं। आम लोगों को होने वाली दिक्कतों को भांपते हुए सरकार ने आंदोलन की राह पर निकले 276 पटवारियों व कानूनगो को सख्त चेतावनी दी है। राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की तरफ से इस बारे तमाम उपायुक्तों को पत्र लिखा गया है। पत्र में सरकार ने उपायुक्तों को कहा है कि पटवारियों व कानूनगो को ऑनलाइन कार्य शुरू करने के मद्देनजर कड़े निर्देश जारी किए जाएं। सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जिला उपायुक्तों को ऐसे पटवारी-कानूनगो के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आदेशों में कहा गया है कि वृत्तों को बंद करना सरकारी कर्मचारी के लिए अशोभनीय है और सीसीएस नियम, 1964 का उल्लंघन है। आदेशों में कहा गया है कि अगर दो दिन में ऑनलाइन सेवाएं शुरू नहीं की गईं तो निलंबन के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सरकार की ओर से उपायुक्तों को जारी आदेशों में कहा गया है कि पटवारियों-कानूनगो को ऑनलाइन कार्यों को शुरू करने के लिए सख्त निर्देश जारी किये जाएं। उन्हें आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल होना होगा और अन्य जिम्मेदारियां निभानी होंगी। अगर दो दिनों के भीतर इन निर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी।
पटवारी-कानूनगो ने जब से ऑनलाइन काम छोड़ा है तब से लेकर आज तक की उनकी सेवाओं को सेवा में ब्रेक के साथ माना जाएगा। सरकारी आदेशों की अवहेलना करने पर निलंबन सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू की जाएगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ओंकार शर्मा ने कहा कि कानूनगो और पटवारियों को ऑनलाइन सेवाएं शुरू करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए खुले हैं। किसी भी सरकारी कर्मचारी की ओर से कोई भी कार्रवाई, जो हिमाचल प्रदेश की आम जनता के हितों के खिलाफ है, यह सरकार को स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों को परेशानी न हो, लिहाजा उपायुक्तों को कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
सरकार की धमकियों से नहीं डरने वाले
दूसरी ओर पटवारी-कानूनगो संघ का कहना है कि वे सरकार की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि पटवार सर्किल में न ब्रॉडबैंड है, न ही प्रिंटर। ऐसे में लोगों को ऑनलाइन कैसे सेवाएं दे सकते हैं। उनका कहना है कि पटवारियों व कानूनगो का राज्य काडर बनाने का फैसला मंजूर नहीं है। राज्य में अतिरिक्त वृत्तों का कार्यभार संभाल रहे पटवारी-कानूनगो ने अपने कार्यलयों की चाबियां तहसीलदारों को सौंप दी हैं। साथ ही सरकार द्वारा उनकी मांगें न माने जाने की स्थिति में कलमबंद हड़ताल की धमकी भी दी है।