मिलीभगत का खेल
बेहद सख्ती के बावजूद पेपर लीक होने की बीमारी संबंधित पक्षों में मिलीभगत के कारण बदस्तूर जारी है। इसका एकमात्र इलाज ऑनलाइन परीक्षाएं करवाना है। परीक्षाएं करवाने के लिए एक अलग बोर्ड बनवाया जाए, जिसमें उसी समय तीन या चार प्रकार के प्रश्न पत्र तैयार करवाए जाएं और पेपर शुरू होने से पहले बोर्ड का केंद्रीय अधिकारी परीक्षा केंद्रों में टीवी स्क्रीन पर प्रश्न-पत्र विद्यार्थियों के लिए प्रदर्शित करे। जब तक पेपर का समय खत्म न हो पेपर सेट करने वाले लोग वहीं रहें। इस तरह पेपर लीक नहीं होगा। परीक्षा केंद्रों के अंदर-बाहर चुस्त-दुरुस्त तथा सख्त प्रबंध होने चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक
बेरोजगारों से अन्याय
पेपर बनाने वाली, प्रिंट कराने वाली एजेंसियों के भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारी ही मुख्य रूप से पेपर लीक करने के मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं, जिसमें राजनीतिक भ्रष्टाचार भी शामिल है। इस सारी प्रक्रिया पर निगरानी रखने के लिए अलग से सेल बनाने की जरूरत है, जिसमें उच्चकोटि के ईमानदार अधिकारी हों तथा जो आधुनिक साइबर तंत्र प्रणाली से लेस हो। सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति तथा जुर्म करने वाले को सख्त सजा का प्रावधान भी अति आवश्यक है। पीपर लीक होना योग्य बेरोजगार युवाओं के साथ अन्याय है।
एम.एल. शर्मा, कुरुक्षेत्र
लालच का कहर
पेपर लीक होने का मुख्य कारण है रातों-रात धन कुबेर बनने की चाहत। अभी हरियाणा पुलिस में भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने में लाखों करोड़ों का लेन-देन हुआ। परीक्षा आयोजन में सरकार का काफी मात्रा में खर्च किया गया धन बेकार गया। उम्मीदवारों का परिश्रम, आने-जाने में हुआ व्यय, परीक्षा शुल्क सब बेकार हुआ। व्यवस्था तंत्र के प्रति लोगों का विश्वास डगमगाया। सुप्रीम कोर्ट को भी तल्ख़ टिप्पणी करनी पड़ी। पेपर लीक की जिम्मेदारी तो उनकी ही है जो पेपर सेट करने में, चुनाव करने में, प्रिंटिंग करने व करवाने में और परीक्षा केंद्रों तक पेपर पहुंचाने की व्यवस्था संभाल रहे थे। ईमानदार अधिकारियों को इस महत्वपूर्ण कार्य को सम्पन्न कराने की जिम्मेवारी लेनी होगी।
शेर सिंह, हिसार
बड़ी साजिश
देश में पेपर लीक करने वाले गिरोह सक्रिय हैं, जिसके चलते एक सुनियोजित तरीके से कार्य हो रहा है। इस वजह से योग्य उम्मीदवार सफलता से वंचित रह जाते हैं। स्वच्छ परीक्षा प्रणाली को सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाए जाने चाहिए ताकि पेपर लीक करने वालों को न केवल पकड़ा जा सके बल्कि इस अपराध को अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए ताकि करोड़ों में पेपर खरीदने व बेचने वालों पर नकेल लगाई जा सके। कोचिंग सेंटरों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। पेपर संपन्न कराने वालों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
श्रीमती केरा सिंह, नरवाना
शिकंजा कसें
प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक होने के मामले ज्यादा बढ़ रहे हैं। यह कोई एक दिन की बात नहीं है इससे पहले भी आनॅलाइन और आफॅलाइन परीक्षाओं में पेपर लीक के बहुत से मामले उठते रहे हैं। सरकार ने अपनी कमजोरी को छिपाने के लिए पेपर लीक करने वाले लोगों को कभी सामने लाने का काम ही नहीं किया। पेपर सेट करने वाले या पेपर पि्रंट करने और करवाने वाले या उत्तरकुंजी बनाने वाले दो-तीन लोगों के इर्दगिर्द ही सारा खेल होता है। इस सारे खेल के लिए जिम्मेदार लोगों पर एक बार कड़ी कार्रवाई हो जाए तो भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति नहीं होगी।
जगदीश श्योराण, हिसार
समीक्षा जरूरी
देशभर में स्कूल कॉलेज से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की निर्धारित स्वच्छ प्रक्रिया के बीच किसी भी तरह की नकल एक अनुचित कार्य है। पेपर लीक होने से तो इसकी पूरी व्यवस्था ही कटघरे में खड़ी हो जाती है। बिना पैसे के घालमेल के ऐसा होना असम्भव है। बार-बार पेपर लीक होने से तो सरकार का नौकरी का दावा खोखला नजर आ रहा है। परीक्षाओं में नकल होने से मेहनती बच्चे अपने आप को ठगा-सा महसूस करते हैं। लोगों में परीक्षा की पवित्रता का भरोसा कायम रखने के लिए अपराधियों को सख्त सजा देने व पूरे सिस्टम की व्यापक समीक्षा की जरूरत है।
देवी दयाल दिसोदिया, फरीदाबाद
पुरस्कृत पत्र
सख्ती से बनेगी बात
किसी भी शैक्षिक या प्रतियोगी परीक्षा का पेपर लीक होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण विषय है। पेपर लीक की निरंतर पुनरावृत्ति से राष्ट्र की युवाशक्ति का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। राष्ट्र की शैक्षिक और प्रतियोगी परीक्षाओं के संचालन में आमूलचूल परिवर्तन समय की मांग है। पेपर लीक रोकने के लिए गोपनीयता और सुरक्षा के कठोर मापदंड तय करके उनकी अनुपालना सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। इस संदर्भ में राष्ट्रीय स्तर पर कठोर कानून बनाया जाना चाहिए। पेपर लीक मामलों में कानूनी कार्रवाई, सख्त कानूनी सज़ा और आर्थिक दंड का अपराधियों में डर होना जरूरी है।
सुखबीर तंवर, गढ़ी नत्थे खां, गुरुग्राम