धोखाधड़ी से बना चिकित्सक कितना घातक होगा
नयी दिल्ली, 18 जून (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के आयोजन में किसी की तरफ से ‘0.001 प्रतिशत लापरवाही’ भी हुई हो, तब भी उससे पूरी तरह से निपटा जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा, ‘कल्पना कीजिए कि व्यवस्था से धोखाधड़ी करने वाला कोई व्यक्ति चिकित्सक बन जाए। वह समाज के लिए कितना अधिक घातक है।’ न्यायालय ने कहा कि छात्रों को इन परीक्षाओं की तैयारी करते समय कठोर परिश्रम करना पड़ता है।
कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (स्नातक स्तर)-2024 (नीट-यूजी, 2024) से संबंधित मुकदमे को विरोधात्मक नहीं माना जाना चाहिए। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ओर से पेश हुए अधिवक्ताओं से उक्त बात कही। पीठ गत पांच मई को हुई परीक्षा में छात्रों को कृपांक (ग्रेस मार्क्स) दिए जाने समेत अन्य शिकायतों से संबंधित दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
सु्प्रीम कोर्ट संबंधित सभी याचिकाओं पर सुनवाई 8 जुलाई को करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी, 2024 में कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने के अनुरोध वाली याचिका पर पिछले सप्ताह केंद्र एवं एनटीए से जवाब मांगा था। केंद्र और एनटीए ने 13 जून को शीर्ष अदालत को बताया था कि उन्होंने एमबीबीएस और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 अभ्यर्थियों को प्रदत्त कृपांक (ग्रेस मार्क) निरस्त कर दिए हैं। केंद्र ने न्यायालय को बताया था कि इन उम्मीदवारों के पास या तो पुन: परीक्षा देने या कृपांक हटाकर प्राप्त मूलांक के आधार पर परिणाम को स्वीकार करने का विकल्प होगा।
एनटीए को सलाह- गलती हुई है तो मानिए, विश्वास पैदा होगा
पीठ ने एनटीए के वकीलों से कहा, ‘परीक्षा आयोजित करने के लिए जिम्मेदार एजेंसी का प्रतिनिधित्व करते हुए, आपको दृढ़ रहना चाहिए। अगर कोई गलती है, तो हां यह गलती हुई है और हम यह कार्रवाई करने जा रहे हैं। कम से कम इससे आपके कामकाज में विश्वास तो पैदा होगा।’
जांच की मांग पर आप ने किया प्रदर्शन
आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने नीट में कथित अनियमितताओं के खिलाफ मंगलवार को यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामले की जांच की मांग की। उन्होंने कहा, ‘कुछ विद्यार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हम चाहते हैं कि मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की जाए और इसकी निगरानी शीर्ष अदालत द्वारा की जाए।’ फोटो -टि्रन्यू