‘सम्मान’ के लिए लड़े माननीय, भाजपा का नहीं मिला साथ
* जजपा विधायक रामकुमार गौतम खुलकर आए कांग्रेस के समर्थन में
* जिलों के अधिकारियों की बैठकें लेने पर पहले की तरह रोक जारी
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 19 दिसंबर
विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक मंगलवार को हरियाणा विधानसभा में मान-सम्मान और प्रोटोकॉल के लिए सरकार से लड़ते नज़र आए। कांग्रेसियों ने भाजपा विधायकों का भी समर्थन मांगा, लेकिन एक भी विधायक ने उनकी बात का समर्थन नहीं किया। अलबत्ता जजपा के नारनौंद से विधायक रामकुमार गौतम खुलकर कांग्रेस के साथ खड़े नजर आए। वहीं बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग और शाहबाद से रामकरण काला बोले तो कुछ नहीं, लेकिन खड़े होकर समर्थन देते दिखे।
दरअसल, सरकार के निर्देशों के बाद 25 अगस्त, 2023 को हरियाणा के मुख्य सचिव की ओर से सभी जिलों के अधिकारियों को पत्र जारी किया गया था। इस पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि विधायक जिलों के अधिकारियों की बैठकें नहीं बुला सकेंगे। अगर विकास कार्यों या किसी मुद्दे पर बात करनी ही है तो वे उनके कार्यालयों में जा सकते हैं। फैसले से आहत विधायकों की ओर से रोहतक से विधायक भारत भूषण बतरा ने सदन में मुद्दा उठाया। उन्होंने फैसले को विधायकों के मान-सम्मान से खिलवाड़ बताया। बेशक, विधायक जनता दरबार बुलाकर अधिकारियों को नहीं बुला सकते, लेकिन विकास परियोजनाओं को लेकर उन्हें बैठकें लेने के अधिकार हैं। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा, ‘यह प्रशासनिक मामला है।’ विवाद बढ़ा तो सीएम मनोहर लाल ने कहा कि विधायक जिलों के डीसी-एसपी से कभी भी उनके कार्यालयों में मुलाकात कर सकते हैं।
पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, ‘अगर किसी पटवारी से काम है तो विधायकों को उसके दफ्तर में जाना होगा।’ हुड्डा ने सलाह दी कि रेस्ट हाउस में अधिकारियों को बुलाने के नियम होने चाहिए। सीएम ने हुड्डा के सुझाव को स्वीकर करते हुए कहा कि विधायक रेस्ट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक कर सकेंगे। अहम बात यह है कि बैठक विभागों की नहीं, बल्कि व्यक्तिगत होगी। इससे पहले सीएम ने कहा, मंत्रियों और अधिकारियों के पास एग्जक्यूटिव पावर्स हैं। विधायकों के पास ये अधिकार नहीं हैं। वे चुने हुए प्रतिनिधि हैं और किसी भी अधिकारी से मिल सकते हैं, लेकिन एमएलए मीटिंग नहीं बुला सकते। इसी दौरान जजपा विधायक रामकुमार गौतम ने सीएम की ओर इशारा करते हुए कहा, कभी न कभी सीएम भी एमएलए ही रह सकते हैं। मंत्री भी केवल विधायक रह सकते हैं। इनका (मंत्रियों) नंबर लग गया, म्हारा नहीं लग्या। यह फैसला विधायकों की बेइज्ज्ती है। स्थिति यह है कि जिलों के अधिकारी विधायकों का फोन तक नहीं उठाते।
ग्रुप-सी के 63 हजार पदों पर शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया : मनोहर लाल
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार अब ग्रुप-सी के 63 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सीईटी ग्रुप-56 व 57 को छोड़कर बाकी परीक्षाओं पर लगा स्टे हटा दिया है। सीएम ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान शहीदों को याद करने के लिए अयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में हरियाणा को देशभर में बेस्ट परफोर्मिंग स्टेट अवार्ड दिया गया है। हरियाणा में 31 हजार कार्यक्रम आयोजित किए गए। सीसीटीएनएस के तहत हरियाणा पुलिस को देशभर में पहला स्थान मिला। बेहतर सूचकांक के लिए राष्ट्रपति ने राज्य को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया है। उन्होंने हरियाणा के शत-प्रतिशत रेलवे विद्युतीकरण होने पर खुशी जताई।