मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

ऑस्ट्रेलिया से बीएससी कृषि की डिग्री ले सकेंगे हकृवि के विद्यार्थी

07:01 AM Nov 24, 2024 IST
नयी दिल्ली में शनिवार को अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के उपरांत कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज, वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया से कुलपति प्रोफेसर जॉर्ज विलियम्स व अन्य अधिकारीगण।

हिसार, 23 नवंबर (हप्र)
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय (डब्ल्यूएसयू), ऑस्ट्रेलिया के बीच अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसके तहत हकृवि के विद्यार्थी डब्ल्यूएसयू से बीएससी कृषि की डिग्री प्राप्त कर सकेंगे। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज जबकि वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया की ओर से कुलपति प्रोफेसर जॉर्ज विलियम्स ने नई दिल्ली में एक समझौते को औपचारिक रूप दिया।
कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने बताया कि यह समझौता एक स्नातक दोहरी डिग्री कार्यक्रम की स्थापना पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य शैक्षणिक अवसरों को व्यापक बनाना और दोनों विश्वविद्यालयों के छात्रों के शैक्षिक अनुभवों को समृद्ध करना है। इस समझौते (3 1) के तहत, वर्तमान में स्नातक (बीएससी कृषि) के विद्यार्थी हकृवि में 3 साल का अध्ययन पूरा करेंगे और वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में एक वर्ष पूरा करेंगे और उन्हें दोनों विश्वविद्यालयों से दोहरी स्नातक की डिग्री प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार जो विद्यार्थी (3 1 1) के तहत वर्तमान में स्नातक (बीएससी कृषि) हकृवि से 3 साल का अध्ययन पूरा करेंगे और वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में दो वर्ष पूरा करेंगे और उन्हें दोनों विश्वविद्यालयों से दोहरी स्नातकोत्तर (एमएससी कृषि) की डिग्री प्रदान की जाएगी। इस समझौते से विश्वस्तरीय शिक्षा और अनुसंधान के अवसर प्रदान करने के लिए दोनों विश्वविद्यालयों की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा। गौरतलब है कि हकृवि पहले से ही अनुसंधान और शैक्षणिक क्षेत्रों में डब्ल्यूएसयू के साथ सक्रिय सहयोग कर रहा है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता डॉ. के.डी. शर्मा, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डॉ. एस.के. पाहुजा और अंतर्राष्ट्रीय मामलों की प्रभारी डॉ. आशा कवात्रा भी उपस्थित रहे।

Advertisement

Advertisement