हिमाचल प्रदेश पर कर्ज का आंकड़ा एक लाख करोड़ के पार
शिमला, 29 जनवरी (हप्र)
हिमाचल प्रदेश पर कर्ज का बोझ एक लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है। सुक्खू सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बुधवार को शिमला में एक पत्रकार वार्ता में ये खुलासा किया। धर्माणी ने कहा कि सत्ता परिवर्तन के बाद जब कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने 11 दिसंबर 2022 को प्रदेश में सत्ता संभाली तब उनकी सरकार को 75000 करोड़ का कर्ज पूर्व भाजपा सरकार से विरासत में मिला। धर्माणी ने कहा कि इसके अलावा कर्मचारियों और पेंशनरों की 10,000 करोड़ रुपए की देनदारियां भी उन्हें विरासत में मिलीं। उन्होंने कहा कि जिनकी वजह से प्रदेश का कर्ज बढ़ा, आज वही लोग सरकार पर दोषारोपण कर रहे हैं। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान सुक्खू सरकार बेहतर काम कर सकती है और कर भी रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री ने कई सख्त फैसले लिये जिसकी वजह से आज सरकार ने 2631 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व जुटाया है।
धर्माणी ने भाजपा के उन आरोपों का खंडन किया जिसमें भाजपा नेता सरकार पर बार-बार कर्ज लेने की बात कर रहे हैं और उसे उपयोग में नहीं लाने का आरोप लगा रहे हैं। धर्माणी ने कहा कि जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है तब से अब तक सरकार ने 30,000 करोड़ का कर्ज लिया है। उन्होंने कहा कि इसमें से 9337 करोड़ रुपए का कर्ज पूर्व की भाजपा सरकार के अंतिम साल में लिए गए कर्ज को चुकता करने के लिए लिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक 18854 करोड़ रुपए का लोन ब्याज सहित वापस कर लिया है । धर्माणी ने दावा किया कि प्रदेश सरकार जो ऋण ले रही है वह प्रदेश के विकास और लोगों की बेहतरी के लिए लिया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि चुनावी रेवड़िया बांटने का काम भाजपा की सरकार ने जाते-जाते किया और बाहर प्रचार किया जा रहा है कि कांग्रेस मुफ्त की रेवड़ियां बांटने में लगी हुई है।
केंद्र पर सौतेले व्यवहार का आरोप
राजेश धर्माणी ने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। केंद्र से अभी तक आपदा राहत राशि का कोई पैसा नहीं मिला है। केंद्र ओपीएस का 9000 करोड़ भी हिमाचल को वापस नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि रिवेन्यू डिफिसिट ग्रांट में भी तेजी से कट लग रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2021-22 में हिमाचल को 10249 करोड़ रुपए की रिवेन्यू डिफिसिट ग्रांट मिली थी। जो कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में घटकर 6259 करोड़ मिली और अब 2025- 26 में यह घटकर 3257 करोड़ ही रह जाएगी।
हिमाचल को बदनाम न करे भाजपा
राजेश धर्माणी ने भाजपा के नेताओं को नसीहत दी कि अगर वह केंद्र से हिमाचल को किसी तरह की मदद नहीं दिला सकते हैं तो कम से कम वह हिमाचल को बदनाम न करें। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा के नेता प्रदेश और प्रदेश के लोगों का हित चाहते हैं तो वह उनके साथ दिल्ली चलकर हिमाचल का हक दिलाने में सरकार की मदद करे।