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हिमाचल हाईकोर्ट का दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई का आदेश

08:57 AM Jun 01, 2024 IST
हिमाचल हाईकोर्ट का दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई का आदेश
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शिमला, 31 मई (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने गोविंद सागर झील में अवैध डंपिंग को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई करने के आदेश जारी किए। कोर्ट ने मुख्य सचिव को कार्रवाई की निगरानी करने के आदेश देते हुए स्टेट्स रिपोर्ट भी तलब की है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कानून का उल्लंघन कर डंपिंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए इसे अंजाम तक ले जाने की जिम्मेवारी मुख्य सचिव की होगी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने फोरलेन विस्थापित और प्रभावित समिति के महासचिव मदन लाल द्वारा दायर जनहित में याचिका पर ये आदेश पारित किए। कोर्ट ने पर्यावरण की दृष्टि इसे गंभीर मुद्दा बताया और कहा कि सरकार के कर्ता-धर्ताओं द्वारा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का सीधा मतलब है कि वे अपने संवैधानिक और कानूनी दायित्वों के निर्वहन करने में विफल रहे। कोर्ट ने कहा कि यह सरकार का संवैधानिक दायित्व है कि वह पर्यावरण को बचाने और सुधारने के पुरजोर प्रयास करे और देश के वन्य एवं जल प्राणियों की रक्षा करे। प्रार्थी के अनुसार नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने ठेकेदार को किरतपुर-मनाली सड़क को चौड़ा करने का कार्य सौंपा है। स्थानीय लोगों के कड़े विरोध के बावजूद भाखड़ा बांध जलाशय में अवैध रूप से सड़क का मलबा फेंका जा रहा है। इसके बारे में स्थानीय प्रशासन और एनएचएआई को कई शिकायतें की गई हैं।
प्रार्थी के अनुसार बिलासपुर के बरमाणा और तुनहु में एम्स के पास मलबे को डंप किया जा रहा है। इसके अलावा रघुनाथपुरा-मंडी भराड़ी सड़क को चौड़ा करते समय मलबे को बिलासपुर जिले में भाखड़ा बांध के जलाशय में अवैध रूप से डंप किया जा रहा है।
प्रार्थी के अनुसार अवैध डंपिंग से न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है बल्कि, झील में मछलियों की कमी भी देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण झील में अवैध डंपिंग से गाद के स्तर में वृद्धि है। गाद की वजह से बिलासपुर जिले के सबसे बड़े जल निकाय गोविंद सागर में विभिन्न मछली प्रजातियों के प्रजनन को नुकसान पहुंचाया गया है। 51 मछली प्रजातियों जैसे कि सिल्वर कार्प, सिंहरा, महेसेर, और जीआईडी के साथ गोविंद सागर राज्य के महत्वपूर्ण मत्स्य पालन का केंद्र था। अवैध डंपिंग के कारण यहां अब मछलियों के प्रजनन में भी कमी दर्ज की गई है। हिमाचल प्रदेश रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के ठेकेदार पर मंडवान और अन्य नालों में मलबे के ट्रक को खाली करने का आरोप लगाया गया है। प्रार्थी ने अदालत से गुहार लगाई है कि गोविंद सागर में अवैध डंपिंग पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए और दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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