योग से निरोग और सुखद संयोग
अरुण नैथानी
पुस्तक : योग एक प्रयोग लेखिका : सुनिता बापना प्रकाशक : ग्रंथ विकास, जयपुर पृष्ठ : 200 मूल्य : रु. 350.
दरअसल, योग ऐसी जीवनशैली का नाम है, जिसके जरिये हम मनोकायिक रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। दावा नहीं किया जा सकता कि योग के जरिये हर रोग का समाधान संभव है,लेकिन योग एक ऐसी जीवनशैली देता है, जिससे हम रोग मुक्त रह सकते हैं। इसमें योग, प्राणायाम, ध्यान व प्राकृतिक भोजन की बड़ी भूमिका होती है। वहीं विचारों की शुद्धता व सकारात्मकता सोच का भी योगदान होता है। अध्ययन, मनन और अभ्यास से योगमय जीवन जीने वाली सुनिता बापना ने ‘योग एक प्रयोग : संपूर्ण स्वास्थ्य का आधार’ पुस्तक में इन्हीं बिंदुओं का विवेचन किया है।
दरअसल, सुनिता बापना ने जीवन की विषम परिस्थितियों में योग सीखा, योग के पाठ्यक्रमों की परीक्षा विधिवत उत्तीर्ण की और योग गुरुओं के सान्निध्य में योग के मूलभूत सिद्धांतों से साक्षात्कार किया। पारिवरिक क्षति के बीच योग ने उन्हें जीवन की लड़ाई लड़ने का सामर्थ्य भी दिया। लेखिका ने पुस्तक के छह खंडों में योग के जरिये स्वस्थ जीवन की राह प्रशस्त की है। पहले खंड में स्वस्थ रहने के वैज्ञानिक-प्राकृतिक उपायों का जिक्र है। दूसरे खंड में भोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए आहार चिकित्सा का उल्लेख है। तीसरे खंड में आसन व प्राणायाम के घटकों का जिक्र है।
चौथे खंड में लेखिका ने शरीर में पंचकोषों की भूमिका, प्राण ऊर्जा तथा मुद्रा योग पर प्रकाश डाला है और इसके संतुलन से मनोकायिक रोगों के उपचार की राह दिखायी है। ध्यान की विधियों का जिक्र पांचवें खंड में है, जिसमें सहायक मंत्र व जप का महत्व दर्शाया गया है। इसी तरह छठे खंड में उल्लेख है कि हम कैसे रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर सुखी जीवन का आन्नद ले सकते हैं। कुल मिलाकर सुनिता बापना ने अपने सहज योगमय जीवन के अनुभवों और योग पाठ्यक्रमों से हासिल ज्ञान के जरिये मानवमात्र के कल्याण की सार्थक पहल की है।