For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

सही खानपान से जुड़ा तन-मन का स्वास्थ्य

11:24 AM Sep 24, 2024 IST
सही खानपान से जुड़ा  तन मन का स्वास्थ्य
Advertisement

डॉ. मोनिका शर्मा

पौष्टिक भोजन और समयानुसार खानपान हर आयु वर्ग के लोगों के लिए अहमियत रखते हैं। सेहत का हर पक्ष भोजन से मिलने वाले सही पोषक तत्वों से ही जुड़ा होता है। बावजूद इसके इस विषय में अवेयरनेस की आज भी कमी है। लोगों में जागरुकता लाने के लिए ही हमारे यहां सितम्बर महीने को राष्ट्रीय पोषण माह के तौर पर मनाया जाता है। एक महीने तक चलने वाला यह कैम्पेन सही पोषण और स्वस्थ भोजन के महत्व के बारे में सजग करने की मुहिम है। 2024 के लिए नेशनल न्यूट्रिशन मंथ का थीम ‘सभी के लिए पौष्टिक आहार’ है, जो जिंदगी की हर स्टेज पर लोगों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने वाला आहार लेने को प्रोत्साहित करना है।

Advertisement

हर सदस्य का स्वास्थ्य अहम

हमारे सोशल सिस्टम में सही पोषण और खानपान पर भी उम्र के पड़ाव का असर दिखता है। इतना ही नहीं, महिला-पुरुष का भेद भी नजर आता है। दूर-दराज के इलाकों में बेटे-बेटी को दिये जा रहे आहार की पौष्टिकता में भी फर्क होता है। बहुत से घरों में बुजुर्गों की अनदेखी भी दिख जाती है। ऐसे में ‘सभी के लिए पौष्टिक आहार’ विषय सही खानपान को लेकर परिवार के हर सदस्य को सजग करने वाला है। उम्र के हर दौर में सेहतमंद रहने की सजगता बरतने का संदेश लिए है। यह जागरुकता आवश्यक भी है क्योंकि पोषणयुक्त भोजन जीवन सहेजने और कुपोषण जीवन छीनने तक का कारण बन सकता है। इतना ही नहीं, भोजन में पोषक तत्वों की कमी ही बहुत सी बीमारियों की वजह बन जाती है। अमेरिका की चर्चित हॉलिस्टिक चिकित्सक, नैचुरोपैथ और रॉ फूड एडवाइजर ऐन विगमोर के अनुसार, ‘आप जो भोजन खाते हैं वह दवा का सुरक्षित और सबसे शक्तिशाली रूप या जहर का सबसे धीमा रूप हो सकता है।’ यानी उचित पोषण लिए भोजन ही समग्र स्वास्थ्य की कुंजी है। जो जेंडर और आयु वर्ग से परे घर के हर सदस्य के लिए अहमियत रखता है।

सही हो रुटीन

‘सभी के लिए पौष्टिक आहार’ विषय से जुड़ा एक अहम पक्ष खाने का सही रुटीन भी है। पोषक तत्वों से भरपूर भोजन अगर समय पर नहीं लिया जाय तो भी कोई अर्थ नहीं रह जाता। देर-सवेर खाना खाने की प्रवृत्ति से न केवल भोजन के पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं बल्कि कई बार ठंडा-बासी खाना ही कई रोगों का कारण बन जाता है। मौजूदा लाइफस्टाइल में सही समय पर भोजन न लेना अपच और एसिडिटी जैसी कई समस्याओं का कारण है। देखने में आता है कि महिलाएं खाना-खाने के सही रुटीन को फॉलो नहीं कर पातीं। अपनी भागदौड़ के बीच सही समय पर भोजन करना उनकी प्राथमिकताओं में होना चाहिए। साथ ही महिलाएं यह भी समझें कि सही-संतुलित न्यूट्रिशन वाला भोजन शरीर और मन दोनों की सेहत संवारता है। जाने-माने अमेरिकी फिजीशियन और लेखक डॉ. मार्क हाइमन का कहना है कि ‘ज्यादातर लोगों को यह अहसास नहीं कि भोजन केवल कैलोरी नहीं है, यह एक तरह की जानकारी है। भोजन में ऐसे संदेश होते हैं जो शरीर की प्रत्येक कोशिका से जुड़ते हैं।’ अपनी पसंद और उचित पोषण के मेल से बना खाना खाने की अनुभूति दुनिया के हर इंसान के लिए सुखद ही होती है। इसके साथ अगर भोजन का सही रुटीन भी जुड़ जाये तो फायदेमंद ही साबित होगा।

Advertisement

कुपोषण के सही मायने समझें

कुपोषण का कारण खाने की कमी या पोषक तत्वों की जानकारी न होना ही नहीं है। असंतुलित खानपान और भोजन की अधिक मात्रा का सेवन भी एक तरह का कुपोषण ही है। ओवरईटिंग भी एक ईटिंग डिसऑर्डर ही है। चिंतनीय है कि अब बच्चे हों या बड़े खाने की अति से जुड़ी यह गलती भी कर रहे हैं। जिसके चलते मोटापे की समस्या जड़ें जमा रही है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं की जड़ है। बिंज ईटिंग की आदत के जाल बच्चे ही नहीं बड़े भी फंस रहे हैं। बिंज ईटिंग यानि कम समय में बहुत ज्यादा मात्रा में भोजन खाना और ऐसा महसूस करना कि इंसान इसे चाहकर भी कंट्रोल नहीं कर पा रहा। ओवरईटिंग की यह आदत मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक सेहत को प्रभावित करती है। हरदम कुछ खाते रहने की जीवनचर्या लोगों को न्यूट्रीशियस डाइट्स को लेकर भी कुछ सोचने नहीं देती। कुछ साल पहले ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज रिपोर्ट में लगभग 500 वैज्ञानिकों द्वारा की गयी रिसर्च में सामने आ चुका है कि कम खाना खाने वाले लोगों से ज्यादा जरूरत से अधिक भोजन करने वालों के जीवन के साल घट रहे हैं।

जड़ों की ओर लौटें

नये-नये स्वाद और स्टाइल के साथ सब कुछ परोसते बाजार के इस दौर में न्यूट्रीशियस भोजन की सही समझ के लिए अपनी जड़ों की ओर लौटें। हमारे देश का परम्परागत खानपान आज सेहतमंद जीवन के लिए दुनिया में खूब चर्चित है। मशहूर लेखक माइकल पोलन कहते हैं कि ‘ ऐसा कुछ भी न खाएं जिसे आपकी परदादी भोजन के रूप में नहीं पहचानती हों। आज सुपरमार्केट में बहुत सारी खाने की या खाने जैसी चीजें हैं, जिन्हें आपके पूर्वज भोजन के रूप में नहीं पहचानते होंगे। इनसे दूर रहें। ‘

Advertisement
Advertisement