हरियाणा की जीत ने राजनीतिक पंडितों के समीकरण बिगाड़े : अमित शाह
चंडीगढ़, 16 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिली जीत ने देशभर के राजनीतिक पंडितों के समीकरण बिगाड़ दिए हैं। इस जीत की खुशी से बाहर निकलकर प्रदेशवासियों के लिए कुछ नया करने की जरूरत है। यह पांच साल का समय जीत का जश्न मनाने का नहीं, बल्कि 2029 के चुनावों को फिर से कैसे जीता जाए, इसकी रणनीति बनाने का है। हरियाणा से शुरू हुआ भाजपा का विजय रथ अब कहीं नहीं रुकेगा।
अमित शाह बुधवार को पंचकूला में भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद प्रदेश भर के विधायकों को संबोधित कर रहे थे। बैठक में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मनोहर लाल, मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और कृष्णपाल गुर्जर सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। शाह ने कहा कि इस जीत का हरियाणा के लिए विशेष महत्व है। वर्ष 1966 से लेकर आज तक किसी भी दल की तीसरी बार हरियाणा में सरकार नहीं बनी है।
गृह मंत्री ने नायब सैनी की पीठ थपथपाते हुए कहा कि हरियाणा में आज तक ऐसा कोई मुख्यमंत्री नहीं आया है जिसने अपनी पार्टी को तीसरी बार जीत दिलवाई हो। अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2014 में भाजपा ने जब अकेले चलने का फैसला किया, तो हरियाणा में पहली बार अपने बल पर सरकार बनाई। करीब साढ़े नौ साल तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में कई ऐसे फैसले लिए गए, जिन्हें केंद्र ने भी देशभर में लागू किया।
शाह ने कहा कि सभी इस बात को लेकर एकमत थे कि हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार नहीं बनेगी, लेकिन हरियाणा की जनता ने सभी को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब हरियाणा के संगठन प्रभारी थे, तब से वह यहां की समस्याओं से परिचित हैं। निकट भविष्य में हरियाणा में कई ऐसे कल्याणकारी फैसले लिए जाएंगे, जिनका प्रदेश की जनता को लाभ मिलेगा।
विकास योजनाओं का रोडमैप तैयार
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि नायब सैनी के नेतृत्व में चलने वाली सरकार का रोडमैप तैयार हो चुका है। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में जातियों के आधार पर सरकार चलाने तथा जातियों और क्षेत्र के आधार पर विकास करने की प्रथा रही है। भाजपा की कार्यप्रणाली जाति के आधार पर विकास की कल्पना को खारिज करती है। भाजपा ने अपने दस वर्षों के कार्यकाल के दौरान इस प्रथा को खत्म किया है।