हरियाणा सात दिन में खोले शंभू बॉर्डर : हाईकोर्ट
पटियाला में शंभू सीमा पर बंद सड़क। -ट्रिन्यू
चंडीगढ़,10 जुलाई (ट्रिन्यू)
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक सप्ताह के भीतर शंभू बॉर्डर खोलने का आदेश दिया है। शंभू बॉर्डर अम्बाला के निकट पंजाब सीमा पर है। यह करीब छह माह से बंद है। कोर्ट ने कहा कि सरकार एक सप्ताह में सभी बैरिकेड हटाए। हाईकोर्ट ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर स्थिति शांतिपूर्ण है। जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया व जस्टिस विकास बहल ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। याचिका में शंभू बॉर्डर खोलने व किसानों को दिल्ली जाने से रोकने का विरोध किया गया था।
हाईकोर्ट ने किसानों से भी शंभू बॉर्डर पर कानून व्यवस्था बनाए रखने को कहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि अब शंभू बॉर्डर पर महज 500 प्रदर्शनकारी हैं, इसलिए अब यह हाईवे खोला जा सकता है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह हाईवे पिछले छह महीने से बंद है। इसे अब और बंद नहीं रखा जा सकता। हरियाणा सरकार की ओर से हाईकोर्ट के आदेश का अध्ययन किया जाएगा फिर पंजाब सरकार के साथ समन्यव स्थापित किया जाएगा।
इस बीच, आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसान शुभकरण की मौत की जांच झज्जर के पुलिस आयुक्त बी सतीश बालन को सौंप दी गई है। बुधवार को सरकार द्वारा प्रस्तावित नाम में से हाईकोर्ट ने झज्जर के पुलिस कमिश्नर को विशेष जांच दल का प्रमुख बनाने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट में शुभकरण की मौत के मामले में सील बंद फोरेंसिक रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट के अनुसार शुभकरण के सिर पर शाॅटगन की गोली का जख्म था। उधर, बताया गया कि हरियाणा पुलिस इसका इस्तेमाल करती ही नहीं है। पंचकूला निवासी एडवोकेट उदय प्रताप सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए जांच की मांग की थी। अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।
किसानों ने आदेश का स्वागत किया
पटियाला : आदेश के बाद किसान नेताओं ने कहा कि आदेश से यह साबित हो गया है कि उन्होंने राजमार्ग बंद नहीं किया था। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, ‘हम न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हैं, हालांकि हमें अभी तक ये आदेश नहीं मिले हैं। हमने अपने भविष्य की रणनीति तय करने के लिए 16 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की बैठक बुलाई है।’ किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने कहा, ‘एक सुनियोजित प्रचार के तहत किसानों को खलनायक के रूप में पेश किया जा रहा है। कोर्ट के आदेश ने सच्चाई को उजागर कर दिया है।’