Haryana News : पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश से मिलता है निष्काम कर्म करने का संदेश
कुरुक्षेत्र, 15 दिसंबर (हप्र)
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकज सेतिया ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश पवित्र ग्रंथ गीता में है, जो मनुष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिसे हर मनुष्य को जानना बहुत जरूरी है।
श्रीमद्भगवद्गीता वर्तमान में धर्म से ज्यादा जीवन के प्रति अपने दार्शनिक दृष्टिकोण को लेकर भारत में ही नहीं विदेशों में भी लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित कर रही है। निष्काम कर्म का गीता का संदेश विश्व के सभी गीता प्रेमियों को भी लुभा रहा है। पवित्र ग्रंथ गीता विश्व के सभी धर्मों की सबसे प्रसिद्ध पुस्तकों में शामिल है। रविवार देर सायं केडीबी सीईओ पंकज सेतिया, केडीबी मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, कुरुक्षेत्र 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, केडीबी सदस्य अशोक रोशा, डा. ऋषिपाल मथाना, युधिष्ठर बहल, कैप्टन परमजीत सिंह, एमके मोदगिल, विजय नरुला, प्राधिकरण के सदस्य सौरभ चैधरी सहित अन्य गणमान्य लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर ब्रह्मसरोवर की आरती और पूजा-अर्चना की तथा दीपशिखा प्रज्वलित कर विधिवत रूप से आरती का शुभारम्भ भी किया। आरती के उपरांत सभी मेहमानों ने एक स्वर में कहा कि 5160 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की भूमि पर गीता का उपदेश दिया और महर्षि वेद व्यास ने पवित्र ग्रंथ गीता को प्रकट किया।
केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहली बार 18 दिन तक लगातार घाटों पर गीता पाठ और हवन यज्ञ का आयोजन हुआ। यह हवन यज्ञ पूर्ण आहुती के साथ संपन्न हुए। इन हवन यज्ञ और गीता पाठ के उपदेशों की गूंज से पवित्र ब्रह्मसरोवर पर रोजाना सुनाई दी। अहम पहलू यह है कि इन श्लोकों का उच्चारण रोजाना सुबह के सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग की तरफ से नंबर 1 स्टॉल पर बनाए गए सूचना केंद्र से किया गया।