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Haryana News : दिग्गजों को लड़वाया जा सकता है मेयर व चेयरमैन का चुनाव

08:20 AM Dec 17, 2024 IST
haryana news   दिग्गजों को लड़वाया जा सकता है मेयर व चेयरमैन का चुनाव
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 16 दिसंबर
प्रदेश में शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने आठ नगर निगम, चार नगर परिषद और 22 नगर पालिकाओं के चुनाव दो चरणों में कराने का निर्णय लिया है। यह चुनाव अगले साल फरवरी से पहले संपन्न होंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा इस बार इन चुनावों में वरिष्ठ और दिग्गज नेताओं को भी मैदान में उतार सकती है, जिससे चुनाव और भी दिलचस्प होने की संभावना है। इस चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। सरकार ने विधानसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव को लेकर अपनी रणनीतियां तैयार करना शुरू कर दिया है, जिससे आने वाले दिनों में राजनीतिक वातावरण और भी गरमाने की उम्मीद है। नगर निगमों में मेयर और नगर परिषद व नगर पालिकाओं में चेयरमैन के पद के लिए चुनाव सीधे जनता द्वारा किए जाएंगे। भाजपा ने नगर निगमों में मेयर के लिए उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है। पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनावों में 48 सीटों के साथ सरकार बनाई थी, जिससे भाजपा की स्थिति मजबूत हुई है। अब पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की नजर मेयर के पद पर है, जिनके पास विधानसभा चुनावों में टिकट पाने का अवसर नहीं था। मेयर का पद प्रोटोकॉल के हिसाब से स्थानीय सांसदों और विधायकों से भी ऊपर होता है, जिससे यह पद और भी आकर्षक बन जाता है।
इस बार मेयर के लिए चुनावी मैदान में दिग्गज नेताओं को उतारने की संभावना जताई जा रही है। इनमें से कई नेता ऐसे हैं, जिन्हें विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं मिल सका था, लेकिन अब वे अपने राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए नगर निगम के मेयर पद की ओर रुख कर सकते हैं।

रोहतक, हिसार में वार्डबंदी का काम पूरा

निकाय चुनावों के लिए हरियाणा सरकार ने रोहतक और हिसार नगर निगम तथा कुरुक्षेत्र की थानेसर नगर परिषद में वार्डबंदी का काम पूरा लिया है। सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। करनाल नगर निगम की वार्डबंदी का ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया गया है, जिस पर हितधारकों से पांच दिन में आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं।

पार्षदों के टिकट पर होगा फैसला

भाजपा के कई पार्षदों ने हाल ही में विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस का समर्थन किया था, जिसके कारण भाजपा ने अपनी टिकट नीति में कुछ बदलाव किए हैं। पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे पार्षदों को इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा, जिन्होंने कांग्रेस का साथ दिया था। हालांकि, इनमें से कुछ पार्षदों ने भाजपा की लगातार तीसरी बार सरकार बनने के बाद फिर से पार्टी में वापसी की है, लेकिन भाजपा इस बार पुराने चेहरों से ज्यादा नए और ईमानदार नेताओं पर विश्वास करने का विचार कर रही है। भाजपा का यह कदम एक साफ संकेत है कि पार्टी ने अपनी साख को बनाए रखने के लिए अपने उम्मीदवारों को लेकर अधिक सतर्कता बरतने का निर्णय लिया है। इस नीति के तहत, पार्टी अपने नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारने की योजना बना रही है, ताकि उन्हें आगे चलकर पार्टी की सफलता में योगदान देने का अवसर मिले।

भाजपा ने बनाई रणनीति

निकाय चुनावों की तैयारी के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पहले ही पार्टी संगठन के प्रमुख नेताओं के साथ बैठकें कर चुके हैं। आगामी दिनों में प्रदेश स्तर की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका चुनावों की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में भाजपा की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। भाजपा ने अपने सांसदों और विधायकों को भी उनके अंतर्गत आने वाले निकायों के चुनाव के लिए जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी इस चुनाव में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने का इरादा रखती है और सभी नेताओं से आह्वान किया गया है कि वे चुनावी तैयारियों में सक्रिय रूप से भाग लें।

शहरी और ग्रामीण इलाकों में भाजपा का बढ़ता प्रभाव

भाजपा को आमतौर पर एक शहरी पार्टी माना जाता है, लेकिन विधानसभा चुनावों ने इस धारण को चुनौती दी है। भाजपा ने ग्रामीण इलाकों में भी अपनी स्थिति मजबूत की है। ओल्ड भिवानी, सोनीपत और जींद जैसे जिलों में भाजपा ने ग्रामीण सीटों पर शानदार जीत हासिल की है, जिससे यह साबित होता है कि पार्टी ने अपनी पकड़ गांवों में भी मजबूत की है। इस बार के निकाय चुनाव में भाजपा का लक्ष्य अपनी पकड़ को और मजबूत करना है। पार्टी को उम्मीद है कि इस चुनाव में वह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करेगी। भाजपा का मानना है कि निकाय चुनावों के जरिए वह अपने समर्थकों की संख्या को और बढ़ा सकती है, और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर सकती है।

दो चरणों में होंगे चुनाव

पहला चरण  : गुरुग्राम, फरीदाबाद और मानेसर नगर निगम के अलावा तीन नगर परिषदों - सिरसा, पटौदी जटौली मंडी और अम्बाला सदर के साथ-साथ 21 नगर पालिकाओं - बराड़ा, बवानीखेड़ा, लोहारू, सिवानी, फर्रुखनगर, जाखल मंडी, नारनौंद, बेरी, जुलाना, कलायत, पूंडरी, इंद्री, नीलोखेड़ी, अटेली मंडी, कनीना, तावडू, हथीन, कलानौर, खरखौदा और रादौर के चुनाव होंगे। सोनीपत में निखिल मदान और अम्बाला से शक्ति रानी के विधायक बनने के चलते दोनों जगह मेयर के लिए उपचुनाव होंगे।
 दूसरा चरण : करनाल, पानीपत, हिसार, रोहतक और यमुनानगर  निगम के अलावा थानेसर नगर परिषद और कालांवाली  पालिका के चुनाव कराए जाएंगे। पहले चरण के चुनाव के लिए चार जनवरी तक अधिसूचना जारी करने का हलफनामा पहले ही प्रदेश सरकार हाई कोर्ट में दे चुकी है।
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