पंजाब के मुकाबले हरियाणा ने अब तक 12 गुणा धान एमएसपी पर अधिक खरीदा
चंडीगढ़, 4 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा व पंजाब में राइस मिलर्स की हड़ताल के बावजूद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हरियाणा द्वारा धान खरीद के लिए किये गए पुख्ता प्रबंध रंग ला रहे हैं। हरियाणा ने पंजाब से 12 गुणा अधिक धान की एमएसपी पर सरकारी खरीद कर किसानों को बड़ी राहत देने का काम किया है। इस बार ऑनलाइन गेटपास की सुविधा मिलने से किसानों को अपनी फसल बेचने में काफी सुविधा हुई है। अब तक हरियाणा में जहां 1,18,763 मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है वहीं पंजाब में केवल 9,433 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न सरकारी एजेंसियां मंडियों में धान की खरीद कर रही हैं। धान की खरीद का कार्य 15 नवंबर, 2024 तक चलेगा। सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की जा रही है।
सरकार द्वारा कॉमन धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड- ए धान का समर्थन मूल्य 2320 रुपए प्रति क्विंटल दिया जा रहा है। प्रदेश में धान की खरीद 241 मंडियों व खरीद केंद्रों पर की जा रही है। विभाग द्वारा 17% तक की नमी वाली धान को ही खरीदने के निर्देश दिए हुए हैं। सभी मंडियों में उचित मात्रा में बारदाना उपलब्ध है। इसके अलावा फसल की सफाई आदि के लिए जरूरी उपकरणों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि धान के साथ-साथ अन्य खरीफ फसलों की खरीद का कार्य भी एमएसपी पर किया जा रहा है। प्रदेश में 1 अक्तूबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद भी चल रही है। राज्य में बाजरे की खरीद 91 मंडियों और खरीद केंद्रों पर की जा रही है।
प्रवक्ता ने प्रदेश के किसानों से आग्रह किया है कि वे अपनी फसल को अच्छी प्रकार से साफ व सूखा कर ही मंडी में लाएं ताकि खरीद में किसी प्रकार की कोई कठिनाई न आये। धान में 17 फीसदी से अधिक नमी नहीं होनी चाहिए।
प्रवक्ता के अनुसार 4 अक्तूबर तक राज्य की विभिन्न मंडियों में कुल 4,37,775 मीट्रिक टन धान की आवक हुई है। आवक धान में से 1,18,763 मीट्रिक टन धान की सरकारी एजेंसियों ने खरीद कर ली है और 18,577 मीट्रिक टन धान का उठान भी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि किसानों को उनकी खरीदी गई फसल का समय पर भुगतान भी सुनिश्चित किया जा रहा है और अब तक 15000 से अधिक किसानो के बैंक खातों में 12.85 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे उनके खाते में भेज दी गई है। फिलहाल उठान किये गए धान को एजेंसी के गोदामों, प्लिंथों और अन्य चुनिंदा स्थानों में स्टोर किया गया है।
कुरुक्षेत्र जिला में हुई धान की सबसे ज्यादा खरीद
विभाग के प्रवक्ता ने आगे बताया कि अब तक खरीदे गए कुल 1,18,763 मीट्रिक टन धान में से सबसे अधिक कुरुक्षेत्र जिला में 40, 227 मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद हुई है। इसके अलावा यमुनानगर जिले में 28,116 मीट्रिक टन, अम्बाला जिले में 30,149 मीट्रिक टन, करनाल जिले में 10,774 मीट्रिक टन, कैथल जिले में 3,436 मीट्रिक टन तथा पंचकूला जिले में 5,424 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है।
सुचारू तरीके से जारी है प्रक्रिया
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में खरीफ फसलों की खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है और यह प्रक्रिया 15 नवंबर, 2024 तक जारी रहेगी। खरीद के दौरान किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी। किसानों के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए विभाग पूरी तरह प्रतिबद्ध है और पूरे सीजन में निर्बाध और कुशल खरीद प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा।
बाजरे की रेवाड़ी में हुई सर्वाधिक खरीद
प्रवक्ता ने यह भी बताया कि प्रदेश में विभाग ने 1 अक्तूबर, 2024 से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद भी शुरू कर दी है। इसके लिए विभाग द्वारा विशेष रूप से 91 मंडियां और खरीद केंद्र खोले गए हैं, जिनमें राज्य के किसानों से 4 अक्तूबर तक 28,427 मीट्रिक टन से अधिक बाजरा खरीदा जा चुका है। उन्होंने जानकारी दी कि रेवाड़ी जिले में सबसे अधिक 9,791 मीट्रिक टन बाजरे की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद की गई है। इसके अलावा महेंद्रगढ़ जिले में 7,199 मीट्रिक टन, गुरुग्राम जिले में 5,549 मीट्रिक टन, झज्जर जिले में 3,282 मीट्रिक टन, भिवानी जिले में 841 मीट्रिक टन तथा मेवात जिले में 1,682 मीट्रिक टन बाजरा की खरीद की गई है। प्रवक्ता के अनुसार इसी प्रकार अन्य जिलों की मंडियों में भी आने वाले बाजरे एवं धान की फसला को खरीदा जा रहा है।