Haryana Assembly : नायब सरकार ने कसी कमर, डंकी एंट्री पर एजेंट को 10 साल तक सजा; 5 लाख लगेगा जुर्माना
दिनेश भारद्वाज
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 26 मार्च।
Haryana Assembly : हरियाणा में कबूतरबाजी और डंकी रूट के जरिए विदेश भेजने के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए नायब सरकार ने कमर कस ली है। विधानसभा में सीएम नायब सैनी ने ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक पेश किया। चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया। विधेयक अब राज्यपाल के जरिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन तक जाएगा। वहां से मंजूरी के बाद इसका नोटिफिकेशन जारी होगा और प्रदेश में यह नया कानून लागू हो जाएगा।
पूर्व की मनोहर सरकार ने भी यह विधेयक पारित किया था, लेकिन गृह मंत्रालय की कुछ आपत्तियों के चलते नए सिरे से इसे पेश किया गया। विधेयक के तहत कबूतरबाजी में संलिप्त ट्रैवल एजेंटों को 3 से 10 साल तक की सजा और दो से पांच लाख रुपये तक जुर्माना हो सकेगा। दोषी साबित होने पर ट्रैवल एजेंट की प्रॉपर्टी भी जब्त हो सकेगी। यही नहीं, ट्रैवल एजेंसी से लेकर जनरल सेल्स एजेंट, आइलेट्स कोचिंग सेंटर, पासपोर्ट और टिकटिंग सहित तमाम तरह की सेवाएं देने वाले इस कानून के दायरे में होंगे।
बेरी विधायक पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान, झज्जर विधायक गीता भुक्कल, कैथल विधायक आदित्य सुरजेवाला व रोहतक विधायक बीबी बतरा ने बिल में कुछ खामियां भी गिनवाई और सुझाव भी दिए। कादियान व भुक्कल ने कहा कि कबूतरबाजी रोकने के लिए नियमों को सख्ती से लागू करना चाहिए। आदित्य सुरजेवाला व बीबी बतरा ने कहा कि मानव तस्करी की परिभाषा स्पष्ट होनी चाहिए। भाजपा विधायक रामकुमार गौतम ने कहा कि बिल में अपराधियों के लिए सजा कम है। हुड्डा ने कहा कि अमेरिका ने जिस तरह भारतीय युवाओं को बेड़ियां लगाकर भेजा, सरकार को उस पर आपत्ति जतानी चाहिए थी।
दो बार बनी एसआईटी
बिजली, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज ने बताया कि पिछली सरकार में गृह मंत्री रहते उन्होंने कबूतरबाजों पर शिंकजा कसने के लिए दो एसआइटी बनाई थी। भारती अरोड़ा की एसआटी ने 600 कबूतरबाजों को गिरफ्तार किया था। वहीं शिबास कविराज की एसआइटी ने 750 कबूतरबाजों को गिरफ्तार किया। कबूतरबाजों पर हर हाल में नियंत्रण जरूरी है।
कायदे-कानून से होगा काम : सीएम
सीएम ने इस विधेयक को सर्वसम्मति से पास करने का आग्रह किया। अगर कोई ट्रैवल एजेंट विदेश भेजने के नाम पर हमारे युवाओं को गुमराह करता है, उसे गलत तरीके से दूसरे देश में भेजता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। ट्रैवल एजेंटों को लाइसेंस लेना होगा और हर हाल में उन्हें नियम कायदे पूरे करने होंगे। इसके बाद विपक्ष की आपत्तियों को खारिज करते सत्तापक्ष ने बिल को पारित कर दिया।
शव की बेकद्री पर 3 साल तक की सजा
शव को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करना भी क्राइम के दायरे में आएगा। विधानसभा में दूसरी बार शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक पारित किया गया। सीएम ने बिल पेश किया। विधेयक के अंतर्गत शव के साथ सड़कों पर प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा। अगर परिजन या रिश्तेदार शव को स्वीकार नहीं करते हैं तो संबंधित क्षेत्र के थानेदार अंतिम संस्कार कराएंगे।
अगर कोई व्यक्ति या समूह शव के साथ प्रदर्शन करता है तो उसे छह महीने से लेकर तीन साल तक कैद और एक लाख रुपये जुर्माना किया जाएगा। पूर्व की मनोहर सरकार ने भी यह विधेयक पास किया था। लेकिन केंद्र की कुछ आपत्तियों के चलते इसे वापस लिया गया और अब नये सिरे से पेश किया। तीन नए आपराधिक कानूनों- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय न्याय संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को ध्यान में रखकर यह विधेयक बना है।
अगर कोई व्यक्ति शव का सही तरीके से अंतिम संस्कार नहीं करता है तो उसे एक लाख रुपये तक जुर्माने के साथ तीन साल की सजा हो सकती है। इस विधेयक के तहत उकसाने वालों को भी सजा होगी। शव लेने के लिए अगर परिजनों द्वारा ठोस कारण बताया जाता है तो शव के अंतिम संस्कार के समय को 24 घंटे तक के लिए भी बढ़ाया जा सकता है।
इसके लिए कार्यकारी मजिस्ट्रेट से मंजूरी लेनी होगी। विधेयक में सम्मान के साथ शव का संस्कार 12 घंटों के भीतर करना अनिवार्य किया है। अगर किसी भी व्यक्ति ने शव की बेकद्री की तो थानेदार पार्थिव शरीर को कब्जे में लेकर ड्यूटी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में अंतिम संस्कार कराएंगे।