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हरियाणा ने केंद्र से मांगी सशस्त्र पुलिस बलों की 200 कंपनियां

08:51 AM Mar 30, 2024 IST
हरियाणा ने केंद्र से मांगी सशस्त्र पुलिस बलों की 200 कंपनियां

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू्
चंडीगढ़, 29 मार्च
हरियाणा ने लोकसभा चुनावों को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न करवाने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 200 कंपनियों की मांग की है। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से यह मांग भारत के चुनाव आयोग को भेजी जा चुकी है। चुनाव आयोग द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ इस मुद्दे पर संपर्क किया जाएगा। वहीं चुनावों में सुरक्षा तैयारियों को लेकर 3 अप्रैल को हाई लेवल मीटिंग होगी। इस बैठक में हरियाणा की ओर से सुरक्षा का मुद्दा उठाया जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में चुनाव आयुक्तों, चुनाव उपायुक्त, गृह मंत्रालय के सचिव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। वहीं हरियाणा की ओर से मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी को बैठक में शामिल होना है। प्रदेश के एफसीआर तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद के पास ही होम सेक्रेटरी और मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार है।
प्रसाद के अलावा हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल व डीजीपी शत्रुजीत कपूर सहित गृह विभाग व चुनाव आयोग के कई अधिकारी इस बैठक में शामिल होंगे। 2019 के लोकसभा चुनावों में हरियाणा की ओर से केंद्र सरकार से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 200 से अधिक कंपनियों की मांग की गई थी। 2016 के जाट आरक्षण आंदोलन के अलावा पंचकूला में डेरा प्रमुख राम रहीम की गिरफ्तारी के दौरान हुई हिंसा को ध्यान में रखते हुए राज्य की ओर से अतिरिक्त सुरक्षा का प्रबंध किया गया था।
उस समय केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 95 कंपनियां हरियाणा को मिली थीं। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अभी तक हरियाणा में 15 कंपनियां भेजी जा चुकी हैं। इन कंपनियों को विभिन्न जिलों में तैनात किया गया है। स्थानीय प्रशासन व पुलिस के साथ मिलकर कंपनियों द्वारा फ्लैग मार्च भी शुरू किया जा चुका है। हरियाणा में लोकसभा के चुनाव क्योंकि छठे चरण में होने हैं। ऐसे में कंपनियों की अलॉटमेंट बाद में होगी। सशस्त्र पुलिस बलों को फिलहाल उन राज्यों में तैनात किया गया है, जहां पहले चुनाव होना है।

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63 बूथ अति-संवेदनशील

राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेशभर में 2289 मतदान केंद्रों को ‘असुरक्षित’ तथा 63 बूथों को अति-संवेदनशील माना है। ऐसे मतदान केंद्रों पर सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध होगा। अतिरिक्त पुलिस बल को यहां तैनात किया जाएगा। जहां बूथ कैप्चरिंग या फिर मतदाताओं को डरा-धमका कर पार्टी या प्रत्याशी विशेष के लिए मतदान करवाए जाने की आशंका है, ऐसे बूथों को असुरक्षित कैटेगरी में रखा है। वहीं अति-संवेदनशील बूथ उन्हें माना है, जहां पिछले चुनाव में 90 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। इसमें से भी 75 प्रतिशत मत एक ही उम्मीदवार को मिले। वहीं 10 प्रतिशत से कम मतदान वाले बूथों को भी अति-संवेदनशील कैटेगरी में शामिल किया है।

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