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Gyan Ki Baat : सुहागिन महिलाओं के लिए खाली कलाई रखना अशुभ, चूड़ियां पहनने के लिए क्यों कहती है दादी-नानी?

12:16 PM Dec 30, 2024 IST

चंडीगढ़, 30 दिसंबर (ट्रिन्यू)

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Gyan Ki Baat : हिंदू धर्म के सोलह श्रृंगार को बहुत महत्व दिया जाता है। उन्हीं में से एक है कांच की चूड़िया , जिसे शादी के बाद पहनना बहुत जरूरी माना जाता है। हालांकि भारत में चूड़ियां पहनने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। चूड़ियां ना सिर्फ महिलाओं के श्रृंगार में चार-चांद लगाती हैं बल्कि इसे सुहाग की निशानी भी माना जाता है, खास तौर पर भारतीय संस्कृति में।

दादी-नानी भी अक्सर महिलाओं को शादी के बाद चूड़ियां पहनने के लिए कहती हैं क्योंकि खाली कलाई रखना अशुभ माना जाता है। शादी के बाद कांच की चूड़ियां वैवाहिक जीवन को दर्शाती हैं। माना जाता है कि महिलाओं की चूड़ियों की आवाज घर में सौभाग्य, समृद्धि और खुशी  लाती है। यह परंपरा सांस्कृतिक विरासत में मिली है।

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क्या कहता है शास्त्र?

शास्त्रों के अनुसार, चूड़ियों को सुहागिन महिला के लिए सुहाग की निशानी माना गया है। कांच की चूड़ियां सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाती हैं। चूड़ियों की खनकती आवाज को भी कुछ संस्कृतियों में शुभ माना जाता है।

क्या कहता है विज्ञान?

एक्सपर्ट का कहना है कि कांच की चूड़ियां पहनने से लगातार फ्रिक्शन होता है, जिससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। इसके अलावा शरीर से निकलने वाली एनर्जी बैंगल्स रिंग के कारण बॉडी में वापिस चली जाती है, जिससे शरीर में हीलिंग प्वॉइंट एक्टिवेट हो जाता है।

कांच की चूड़ियों के रंग का महत्व

कांच की चूड़ियां कई रंगों में आती हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना महत्व और अर्थ है...

- लाल रंग की चूड़ियां ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक है, जिसे अक्सर शादी समारोहों के दौरान दुल्हन को पहनाया जाता है।
- चूड़ियों का हरा रंग प्रजनन क्षमता और सौभाग्य का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे आमतौर पर ईद और दिवाली जैसे त्यौहारों के दौरान पहना जाता है।
- पीले रंग की चूड़ियां खुशी और सफलता को दर्शाता है। महिलाएं पीली चूड़ियां हल्दी समारोह, शादी से पहले की रस्म के दौरान पहनती है।
- नीला रंग ज्ञान और शांति का प्रतीक है जबकि सफेद रंग पवित्रता और नई शुरुआत से जुड़ा हुआ है।
- काले रंग की चूड़ियां बुरी आत्माओं को दूर भगाती है। काली चूड़ियां कभी-कभी नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाने के लिए पहनी जाती हैं। आमतौर पर बच्चों को इस रंग की चूड़ियां पहनाई जाती है।

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