Gurugram खुदाई करते टूटी पाइपलाइन, बोरवेल धंसे, निर्माणाधीन सुरंग में जलभराव से खतरा
गुरुग्राम, 12 जनवरी (हप्र)
नूंह जिला के तावड़ू उपमंडल की सीमा में ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के लिए निर्माणाधीन सुरंग की खुदाई के दौरान सिंचाई बोरवेलों की पाइपलाइन टूट गई, जिसके चलते सुरंग में जलभराव हो गया और जमीन में नमी आ गई। इसे काम करने वाले कर्मियों की सुरक्षा के लिए खतरा माना जा रहा है। इन बोरवेलों के क्षतिग्रस्त होने से जमीन के ऊपर भी गहरा गड्ढा बन गया है।
प्रभावित किसानों ने बताया कि सुरंग निर्माण के क्षेत्र में किसानों के कृषि बोरवेल खराब हुए हैं। सुरंग खुदाई से पहले कोई सूचना नही दी गई। जब फसल सिंचाई के लिए खेत में पहुंचे तो बोरवेल क्षतिग्रस्त हालत में मिले। बोरवेल के साथ लगता भूमि का हिस्सा नीचे धंसा हुआ मिला, जहां गहरा गड्डा बन चुका है। खेतों में काम करना सुरक्षा के लिए खतरा है। अब वे अपने खेतो में फसल की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। किसानों ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि सुरंग निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है। बोरवेल की पाइपलाइन से पानी निकलकर सुरंग में भरा है। इससे उन्हें भी खतरा है, साथ-साथ करने वालों को भी है। किसानों की मांग है कि उनके नुकसान की भरपाई करने के साथ-साथ लापरवाही बरतने वाले कंपनी ठेकेदारों पर भी प्रशासन कार्रवाई करे। खेतों में फसल की सिंचाई बिल्कुल रुक गई है। किसी प्रकार का काम नहीं किया जा रहा। नमी के चलते जमीन कभी भी सुरंग में धंस सकती है जिससे बड़ा हादसा हो सकता है।
प्रभावित किसानों ने कहा कि एक नहीं अनेक बोरवेल इसी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। सभी में लीकेज से सुरंग में जलभराव हुआ है। कुंडली -मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस वे के साथ ऑर्बिटल रेलवे लाइन का निर्माण किया जा रहा है। तावडू उपमंडल के अंतर्गत धुलावट, सहसोला और अरावली पहाड में इसके लिए करीब पाचं किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है। जिसकी तीन जगह से खुदाई का कार्य शुरू हो गया है। धुलावट गांव में 200 मीटर से अधिक सुरंग की खुदाई की जा चुकी है,जबकि से सहसोला में दोनों ओर से करीब 200 मीटर से अधिक सुरंग की खुदाई की जा चुकी है। इसी खुदाई के दौरान किसानों के खेतों में पहले से ही लगे हुए कृषि बोरवेल की पाइपलाइन लीक हो गई।
आरोप बेबुनियाद : डीजीएम
रेलवे सुरंग की खुदाई की देखरेख करने वाले डीजीएम राजू सोलंकी का कहना है कि जिन भी किसानों के बोरवेल क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्हें लागत से दोगुना मुआवजा दिया जाएगा। फिलहाल सुरंग निर्माण के दौरान क्षतिग्रस्त बोरवेलों का आकलन किया जा रहा। 16 जनवरी तक यह मुआवजा दिया जाएगा। निर्माण के दौरान लापरवाही के आरोप लगाना बेबुनियाद है। खुदाई के दौरान जो जलभराव हुआ वह भी किसानों की लापरवाही के चलते हुआ है न कि रेलवे सुरंग निर्माण के दौरान।