अतिथि अध्यापकों ने फिर फूंका आंदोलन का बिगुल
फरीदाबाद, 12 अगस्त (हप्र)
पिछले 18 वर्षों से परेशान अतिथि अध्यापकों ने एक बार फिर से आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। सैंकड़ों की संख्या में लघु सचिवालय पहुंचे अतिथि अध्यापकों ने सरकार को याद दिलाया कि 2014 के घोषणा-पत्र में किया गया वायदा आज नौ वर्ष बाद भी अधूरा है। जिसे अब सहन नहीं किया जाएगा या तो सरकार अपने वादे को पूरा करे अन्यथा कुर्सी खाली करें। जिले के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत अतिथि अध्यापिकाओं ने अपने हाथों में पट्टियां लेकर सरकार की एक स्कूल और दो नीतियों का विरोध किया।
विदित हो कि 2005 में कांग्रेस सरकार ने अध्यापकों की कमी को देखते हुए अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति की थी। तभी से अतिथि अध्यापक अपने रोजगार को स्थाई कराने के लिए संघर्षरत हैं। कांग्रेस सरकार ने अपने दो कार्यकाल पूरे किए लेकिन अतिथियों का रोजगार अधर में ही छोड़ दिया। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने घोषणा-पत्र में अतिथि अध्यापकों को नियमित करने की बात कही और अब भाजपा सरकार के भी दोनों कार्यकाल लगभग पूरे होने को हैं, लेकिन घोषणा.पत्र का वायदा अभी-भी अधूरा है। अपने इस शोषण से अतिथि अध्यापक बहुत ही आहत हैं। जबकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी कई बार समान काम-समान वेतन और अन्य सुविधाएं देने की बात कही है, लेकिन इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। आज प्रदर्शन कर सिटी मजिस्ट्रेट को ईनामी सिंह तेवतिया की अध्यक्षता में ज्ञापन सौंपा गया।
नारनौल (हप्र) : राजकीय अतिथि अध्यापक मंच द्वारा अपनी लंबित मांगो को लेकर शहर में प्रदर्शन किया। जिसके बाद लघु सचिवालय में उपायुक्त कार्यालय के अधीक्षक को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन
दिया गया।
‘नगरपालिका कर्मी भी उतरेंगे सड़क पर’
रोहतक (हप्र) : नगरपालिका कर्मचारी संघ ने सरकार की हठधर्मिता वायदा खिलाफी के खिलाफ एक बार फिर आंदोलन के लिए कमर कस ली है। यह निर्णय आज हनुमान कॉलोनी सुखपुरा चौक स्थित कर्मचारी भवन में नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री की अध्यक्षता में हुई बैठक मैं लिया गया। बैठक का संचालन महासचिव मांगेराम तिगरा ने किया। बैठक में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा द्वारा प्रदेश के 6 मण्डलायुक्तों पर किए जाने वाले प्रदर्शनों में भी पालिकाओं, परिषदों, नगर निगमो व अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों की भागीदारी अधिक से अधिक सुनिश्चित करने का निर्णय लेते हुए राज्य कमेटी के नेताओं की जिम्मेदारी लगाई है।