स्वर्ण मंदिर की ‘सरायों’ पर जीएसटी श्रद्धा पर निशाना : भगवंत
चंडीगढ़, 2 अगस्त (एजेंसी)
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र द्वारा स्वर्ण मंदिर के नजदीक सरायों पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने के फैसले की मंगलवार को निंदा की। उन्होंने कहा कि यह कर स्वर्ण मंदिर के नजदीक आकर सरायों में रहने वाले श्रद्धालुओं की श्रद्धा को निशाना बनाता है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं स्वर्ण मंदिर के नजदीक मौजूद सरायों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने के केंद्र सरकार के फैसले की निंदा करता हूं। यह कर श्रद्धालुओं की श्रद्धा पर लगाया गया है।’ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने भी सोमवार को सरायों पर कर लगाने के फैसले को लेकर सरकार की निंदा की थी। एसजीपीसी ने बताया कि उसे जीएसटी परिषद की अधिसूचना मिली है और कमेटी ने स्वर्ण मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए दिए जाने वाले कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी की वसूली शुरू कर दी है। शीर्ष गुरुद्वारा निकाय ने कहा कि दुनियाभर से लाखों लोग रोजाना मत्था टेकने के लिए स्वर्ण मंदिर आते हैं और उसने उनके ठहरने की व्यवस्था की है। एसजीपीसी के सहायक सचिव (मीडिया) कुलविंदर सिंह ने कहा, ‘लेकिन दुखद है कि भारत सरकार ने सरायों पर जीएसटी लगाकर ‘संगत’ पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है।’
पीएम सरायों पर लगाया कर वापस लें : हरसिमरत
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री से मांग की कि वह इस कर को वापस लें। उन्होंने कहा कि इस कदम से सिख समुदाय स्तब्ध है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘केंद्र सरकार ने श्री दरबार साहिब परिसर के बाहर एसजीपीसी द्वारा संचालित तीन सरायों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाया है जिससे सिख समुदाय स्तब्ध है। ये सराय दुनियाभर से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा देते हैं और गैर लाभकारी संस्था हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करती हूं कि तीर्थयात्रियों की श्रद्धा पर कर नहीं लगाएं और इस पूरी तरह से अन्यायपूर्ण निर्णय को वापस लें।’