For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

हरियाली और रास्ता... एक्सप्रेस-वे पर अब वन विभाग का वास्ता

10:58 AM Aug 28, 2023 IST
हरियाली और रास्ता    एक्सप्रेस वे पर अब वन विभाग का वास्ता
Advertisement
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 27 अगस्त
इस मार्ग का नामकरण तो किया गया था ‘ग्रीन कॉरिडोर।’ लेकिन इसे न तो संबंधित कंपनी हरा-भरा बना पाई और न ही नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई)। आखिरकर जिम्मेदारी आई वन विभाग के पास और उसकी योजना सिरे भी चढ़ने लगी है उसी गीत की तरह जिसके बोल हैं, ‘ये हरियाली और ये रास्ता, इन राहों पर तेरा-मेरा जीवन भर का वास्ता।’ हम बात कर रहे हैं उत्तरी हरियाणा को दक्षिण हरियाणा से जोड़ने वाले 230 किमी लंबे 152-डी की। यानी इस्माइलाबाद से रायमिलकपुर (कोटपुतली) तक के एक्सप्रेस वे की।
वन विभाग द्वारा इस एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ पौधारोपण का काम शुरू कर दिया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूरी के समय ही इसे ग्रीन कॉरिडोर का नाम दिया था। बताते हैं कि कंपनी ने पौधे लगवाए भी, लेकिन सफलता नहीं मिली। अब एनएचएआई ने हरियाणा के वन विभाग को जिम्मेदारी सौंपी। हरियाली के वास्ते ही अथॉरिटी ने दोनों साइड अतिरिक्त जमीन का अधिग्रहण किया था। अब वन विभाग ने पौधे तो लगाए ही, देखरेख के लिए भी संबंधित वन अधिकारियों की ड्यूटी भी लगा दी। गौर हो कि इस रूट पर ज्यादातर जगह पानी की भी किल्लत है। हरियाली चुनौतीपूर्ण काम है। यहां उल्लेखनीय है कि हरियाणा में नहरों के दोनों साइड, सभी हाईवे एवं जिले की सड़कों के दोनों ओर वन विभाग पौधे लगा रहा है। विभाग ने सख्त निर्देश दिए हैं कि उनकी उचित देखरेख भी की जाए।

बणी पुनर्वास और ऑक्सी वन पर भी फोकस

वन एवं पर्यावरण विभाग के टॉप एजेंडे में इस बार गांवों में बणी पुनर्वास योजना को सिरे चढ़ाने पर है। गांवों की पंचायती व शामलात भूमि में बणी स्थापित की जाएंगी।  गौर हो कि गांवों में जहां पर अनेक पेड़ों का झुरमुट होता था उसे बणी कहा जाता था। शहरों में हरियाली बढ़ाने के लिए विभाग ने ‘अमृत वन’ योजना बनाई है। इसके तहत बड़, नीम, बरगद, पीपल जैसे छायादार और अन्य फलदार पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही सरकार ने शहरों में ऑक्सी वन स्थापित करने पर भी काम शुरू कर दिया है।
प्रदेश में हरित एरिया बढ़ाने पर सरकार का विशेष जोर है। सरकार ने 75 साल से पुराने वृक्षों के लिए ‘वायु प्राण देवता’ नाम से पेंशन योजना शुरू की है। अभी तक इसके तहत 4 हजार के लगभग पेड़ चिह्नित किए हैं। इनकी देखरेख के लिए 2750 रुपये सालाना पेंशन सरकार देगी।
- विनीत गर्ग, वन एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव
Advertisement
Advertisement
Advertisement
×