सतत विकास के लिए हरित ऊर्जा श्रेष्ठ विकल्प : दुष्यंत चौटाला
गुरुग्राम, 17 अगस्त (हप्र)
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि समाज की भलाई एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए हरित प्रथाओं के उपयोग पर ध्यान देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हरित ऊर्जा ही वह बेहतर विकल्प है जो भारत में सतत विकास को गति दे सकती है। भारत हरित विकास और ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास कर रहा है।
उपमुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को गुरुग्राम के सेक्टर 51 स्थित गुरुग्राम विश्वविद्यालय में गुरुग्राम विवि. के प्रबंधन विभाग और कॉलेज ऑफ बिजनेस, वैलपराइसो विश्वविद्यालय, इंडियाना, यूएसए के संयुक्त तत्वावधान में व्यापार की पुनर्कल्पना: प्रौद्योगिकी एवं हरित प्रथाओं का उपयोग विषय पर दो दिवसीय संयुक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे।
दो दिनों तक चलने वाले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य विचारों, प्रौद्योगिकी, रणनीतियों और हरित प्रथाओं को गति प्रदान करना है, जो आधुनिक युग में पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यवसायों के संचालन के तरीके को नया आकार दे सके। उपमुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में इलेक्ट्रिक कारों, सोलर लाइट, आईटी उद्योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यवसाय, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण चेतना के क्षेत्र एक-दूसरे के साथ जटिल रूप से जुड़े हुए हैं। आज हमारे बिजनेस मॉडल में नई प्रौद्योगिकी का एकीकरण अब कोई विकल्प नहीं रह गया है, यह एक अनिवार्यता है।
दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के उचाना क्षेत्र के गांव गुरुकुल खेड़ा का जिक्र करते हुए कहा कि इस वर्ष नवंबर माह के अंत तक यह गांव पूरी तरह से प्रदेश का पहला सोलर विलेज होगा। सौर ऊर्जा सिस्टम लगने के बाद घरों में सोलर के जरिए ही बिजली की सप्लाई होगी और गांव बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा। कार्यक्रम में गुरुग्राम विवि. के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित (ऑनलाइन माध्यम) अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के वरिष्ठ अधिकारी प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे, विमानन उद्योग की अनुभवी डॉ. हरप्रीत ए डी सिंह ने विमानन क्षेत्र में हरित प्रथाओं और तकनीकी प्रगति की आवश्यकता पर अपने विचार साझा किए।