कड़ियां वाले मंदिर में तुलसी-शालिग्राम विवाह का भव्य आयोजन
नारनौल (हप्र) : देवउठनी एकादशी के पावन पर्व को लेकर शहर के प्रसिद्ध कड़ियां वाले मंदिर में मंगलवार को तुलसी-शालिग्राम विवाह का भव्य आयोजन किया गया। इसमें शालिग्राम जी ब्रदीनाथ धाम से आए और तुलसी जी बालाजी महाराज के पवित्र धाम कड़ियां वाले मंदिर की रही। यह संपूर्ण आयोजन मंदिर के पुजारी नरेंद्र शर्मा के पावन सानिध्य में हुआ। इस विवाह में तुलसी जी का कन्यादान मंदिर के पुजारी नरेंद्र शर्मा सहित विनित पिलानिया, अशोक सिंघल, आदित्य शर्मा, नरेंद्र शर्मा लखनऊ तथा वरुण सिंघल आदि ने किया। तुलसी व शालिग्राम जी का विवाह सभी रीति रिवाजों व वेद मंत्रों के साथ संपूर्ण विधि विधान से किया गया। इस विवाह को राजस्थान के परसाना से आए आचार्य वासुदेव, पंडित देवेश, पंडित राजकुमार, पंडित राकेश तथा पंडित ज्योति द्वारा संपन्न करवाया गया। बद्रीनाथ धाम से चलकर आई शालिग्राम जी की बारात दुलीचंद संघी धर्मशाला से बैंड बाजों के साथ चली और शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई मां चामुंडा देवी मंदिर पहुंची। यहां से 251 महिलाओं द्वारा बारात की अगुवाई की गई। फूलों की बग्गी में सजे शालिग्राम जी विशेष आकर्षण का केंद्र रहे और जगह-जगह लोगों ने उन्हें अपने कांधे का सहारा देकर पुष्प वर्षा की। वहीं धर्म नगरी बद्रीनाथ से बारात लेकर पधारे हनुमान प्रसाद डिमरी पुजारी नर्सिंग मंदिर जोशीमठ व संजय कुमार पुजारी भविष्य बद्रीनाथ भी बग्गी में सवार होकर चल रहे थे।
जन कल्याण हवन में जेल स्टाफ, बंदियों ने दी आहुति
नारनौल (हप्र) : नसीबपुर स्थित जिला जेल मंदिर में प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को होने वाले जन कल्याण हवन का आयोजन कार्तिक मास देव उठनी एकादशी मंगलवार को किया गया। इसमें तुलसी शालिग्राम विवाह करवाया गया। हवन में महेश भारद्वाज मुख्य यजमान थे। जन कल्याण यज्ञ में आचार्य राजेंद्र शास्त्री, हैड वार्डर किशन प्रधान, हैड वार्डर कृष्ण चौहान, वार्डर पूर्ण चौहान, आईआईटी क्लर्क ईश्वर सिंह व सभी जेल नारी शक्ति ने तुलसी-शालिग्राम विवाह सुपरिटेंडेंट संजय बांगड़ ने सुख शांति समृद्धि की कामना की।
शेषसाई में हजारों भक्तों ने किए दर्शन
होडल (निस) : प्राचीन व ऐतहासिक होडल के समीप स्थित वांसवा-शेषसाई मंदिर में देवउठनी एकादशी पर्व पर मंगलवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन कर भगवान का आशीर्वाद लिया। शेषसाई मंदिर जो कि इतिहासिक, पौरााणिक, प्राचीन मंदिर है तथा यहां पर विराजमान भगवान विष्णु की शेष शय्या पर लक्ष्मी जी द्वारा चरण दबाते हुए की साक्षात प्रतिमा स्थित है। शेषसाई मंदिर का वर्णन ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा में भी आता है तथा ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा करने बाले श्रद्धालुओं के यहां पर आने पर भारी भीड़ लगी रहती है। आज देवउठनी एकादशी पर व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने दर्शन कर अपने व्रत की शुरुआत की। देवउठनी एकादशी पर मंदिर स्थित क्षीर सागर तालाब में डुबकी लगाकर श्रद्धालुओं ने सुबह चार बजे मंगला आरती की।