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सुस्त उठान के चलते धान से अटी अनाज मंडी

10:49 AM Oct 14, 2024 IST
सुस्त उठान के चलते धान से अटी अनाज मंडी
यमुनानगर की अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे रखा धान। -हप्र
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यमुनानगर, 13 अक्तूबर (हप्र)
हरियाणा की अनाज मंडियों में धान की आवक जोरों पर है। अब कटाई का मौसम अपने यौवन पर है इसलिए सभी किसान बहुत तेजी से कटाई करके धान को मंडियों में ला रहे हैं। जिस तेजी से धान मंडियों में आ रहा है उस तेजी से उठान नहीं हो रहा। मंडियां धान से अटी पड़ी हैं। मंडियों में आने-जाने वाले रास्तों पर भी धान बिखरा नजर आता है। यमुनानगर की विभिन्न अनाज मंडियों में भी कुछ इसी तरह के हालात हैं। लिफ्टिंग की व्यवस्था सही न होने से न सिर्फ किसान बल्कि आढ़तियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आढ़ती संगठन के प्रधान मनीष कंबोज का कहना है कि जिस स्पीड से धान आ रहा है, उठान उतनी स्पीड से नहीं हो रहा। जो धान शुरू में आया था वह अभी भी मंडियों में भरा हुआ है। शेड भी भरे हुए हैं, सड़कों पर भी धान बिखरा हुआ है। उन्होंने सरकार से अपील की कि धान की लिफ्टिंग में ज्यादा ध्यान दिया जाए।
उन्होंने बताया कि अभी तक किसानों को धान की राशि भी नहीं मिली है, जिसके चलते किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हुआ है। धान की कटाई के पैसे देने हैं, इसके अलावा जहां से कर्ज लिया हुआ है उनका भुगतान करना है। इसी को लेकर किसान चिंतित हैं।
उन्होंने कहा कि लिफ्टिंग में तेजी लाई जाए और किसानों की पेमेंट तुरंत करवाई जाए।

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कार्यालय में बैठे काम कर रहे अधिकारी, जमीनी हकीकत से अनजान

प्रदेश के किसान नेता सतपाल कौशिक का कहना है कि सरकार में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों की मंडियों में ड्यूटियां लगाई गई हैं ताकि किसान परेशान न हो, लेकिन अधिकारी अपने कार्यालय में बैठकर ही अपना कार्य पूरा कर रहे हैं, जमीनी हकीकत उन्हें पता ही नहीं है कि किसानों किन समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर वर्ष इस तरह की समस्याएं सामने आती हैं, लेकिन सरकार इनका स्थाई समाधान नहीं करती जिसके चलते किसान परेशान होते हैं। मंडियों में पीने के पानी, सीवरेज की भी सही व्यवस्था नहीं है।

सड़कों पर बिखरा किसानों का सोना

कैथल-हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर किसान इन दिनों अपनी धान की फसल डालने को मजबूर हैं। मंडियों में धान की फसल की समय पर खरीद व उठान न होने के चलते किसानों की धान की सड़कों पर बिखरी पड़ी है और उसकी दुर्गति हो रही है। -विवरण व चित्र-ललित शर्मा
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