अमरेंद्र, रंधावा से 55 लाख की वसूली करेगी सरकार : मान
राजीव तनेजा/निस
चंडीगढ़, 2 जुलाई
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान रूप नगर की जेल में गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को रखने पर आए 55 लाख रुपए खर्च की वसूली पूर्व मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह और तत्कालीन जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा से करेगी। मान ने कहा कि अगर सिंह (अब भाजपा नेता) और रंधावा (कांग्रेस विधायक) पैसे का भुगतान नहीं करते हैं, तो उनकी पेंशन और अन्य सुविधाएं निरस्त कर दी जाएंगी।
मोहाली में दर्ज जबरन वसूली के एक मामले में अंसारी जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक रूपनगर की जेल में था। हालांकि, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को अंसारी की हिरासत उत्तर प्रदेश पुलिस को देने का निर्देश दिया था। इसके पहले मान ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि उसने अंसारी के जेल में रहने के दौरान उसे ‘सुविधाएं’ उपलब्ध कराईं। मान ने रविवार को ट्वीट किया, ‘उप्र के गैंगस्टर (मुख्तार अंसारी) को पंजाब की जेल में रखने और दोस्ती निभाने के लिए उच्चतम न्यायालय में उसका मामला लड़ने पर खर्च हुए 55 लाख रुपए (कानूनी) का भुगतान पंजाब सरकार के खजाने से नहीं किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि इस राशि की वसूली कैप्टन अमरेंद्र सिंह और रंधावा से की जाएगी। इसके पहले गत अप्रैल में मान ने कहा था कि उन्होंने इस मामले में अंसारी का बचाव करने के लिए पिछली सरकार द्वारा नियुक्त किए गए ‘महंगे वकीलों’ के शुल्क के रूप में 55 लाख रुपए के बिल वाली एक फाइल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने तत्कालीन मंत्रियों से पैसे वसूलने की भी बात कही थी। सीएम मान के इस बयान के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने तंज कसते हुए कहा था कि आम आदमी पार्टी के नेता को बोलने से पहले तंत्र को समझना चाहिए।
‘श्रीमान’ पहले कानूनी प्रक्रिया सीख लें : अमरेंद्र
कैप्टन ने कहा, वह साढ़े 9 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे, जबकि ‘श्रीमान’ को अभी डेढ़ साल भी पूरा नहीं हुआ है और उन्हें शासन प्रक्रियाओं के बारे में इस तरह के अज्ञानतापूर्ण बयान देने से पहले सीखना चाहिए और अनुभव हासिल करना चाहिए। ‘श्रीमान’ (सीएम मान) पहले कानूनी प्रक्रिया सीख लें, उसके बाद बयान दें। उन्होंने कहा कि अंसारी को पंजाब लाया गया और जांच के लिए उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत यहां हिरासत में लिया गया।
उन्होंने मान से पूछा, ‘मुख्यमंत्री या उस मामले में जेल मंत्री कहां से आते हैं’। साथ ही उन्होंने उन्हें ऐसे हास्यास्पद बयान देने से पहले कानूनी और जांच प्रक्रियाओं के बारे में अपने ज्ञान को बेहतर बनाने की सलाह दी।