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राखीगढ़ी की तर्ज पर अग्रोहा धाम को भी विकसित करेगी सरकार : मनोहर लाल

10:12 AM Mar 04, 2024 IST
राखीगढ़ी की तर्ज पर अग्रोहा धाम को भी विकसित करेगी सरकार   मनोहर लाल
नयी दिल्ली में रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मौजूदगी में अग्रोहा धाम को पुरातत्च स्थल के रूप में विकसित करने का एमओयू हस्तांतरित करते अधिकारी। इस दौरान विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता एवं शहरी निकाय मंत्री कमल गुप्ता भी मौजूद रहे। -ट्रिन्यू
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चंडीगढ़, 3 मार्च (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हिसार के अग्रोहा में स्थित महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज में शोध के लिए महाराजा अग्रसेन के नाम पर चेयर और हिसार हवाई अड्डे पर महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की। ये घोषणाएं उन्होंने दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में अग्रोहा में स्थित पुरातत्व स्थल को विकसित करने को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और हरियाणा पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर के अवसर पर की।

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इस मौके पर समाज के लोगों ने सीएम का पगड़ी पहना कर सम्मान किया। -ट्रिन्यू

इस समझौता ज्ञापन पर एएसआई की ओर से महानिदेशक यदुबीर सिंह रावत और हरियाणा पर्यटन एवं विरासत विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए। इस मौके पर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष एवं अग्रोहा विकास परियोजना के चेयरमैन ज्ञानचन्द गुप्ता और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री एवं अग्रोहा विकास परियोजना के को-चेयरमैन डॉ. कमल गुप्ता भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि हिसार हवाई अड्डे पर महाराजा अग्रसेन की स्थापित की जा रही प्रतिमा समाज के सहयोग से निर्मित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी के अनुरोध किए बिना ही उन्होंने हिसार में बनाए गए विश्व के सबसे बड़े हवाई अड्डे का नामकरण महाराजा अग्रसेन के नाम पर किया है। उन्होंने कहा कि मानव सभ्यताएं मुख्य रूप से नदियों के किनारे विकसित हुई और ऐसे प्रमाण मिले हैं कि सरस्वती नदी जो आदिबद्री (यमुनानगर) से निकलती है उसका प्रवाह हरियाणा से ही होकर जाता था। पहाड़ों में उत्खनन होने की वजह से नदी का प्रवाह दूसरी नदियों में चला गया होगा, लेकिन सैटेलाइट से ऐसे प्रमाण मिले हैं कि सरस्वती नदी हरियाणा के आदिबद्री से शुरू होकर राजस्थान, गुजरात होते हुए समुद्र में जाती है। इसी नदी के किनारे कई शहर बसे हुए थे, जिनमें से एक अग्रोहा शहर भी था। वह शहर आज दब गया है और यह शहर व्यापार का केन्द्र होता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि फतेहाबाद का कुनाल, भिरढाना, बनावाली तथा हिसार के राखीगढ़ी भी सरस्वती के किनारे बसे स्थल रहे हैं। अग्रोहा पुरातत्व की दृष्टि से हमारे लिए महत्वपूर्ण स्थल है, जो दर्शाता है कि हमारी संस्कृति समृद्ध रही है और समाज को ऊंचा उठाने का काम तब भी हुआ है।
मनोहर लाल ने कहा कि यह माना जाता है कि पुरातत्व महत्व के स्थल सबसे ज्यादा भारत में हैं और देश में हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पर एक हजार से अधिक पुरातत्व से संबंधित स्थल हैं। मुख्यमंत्री ने अग्रोहा से अपने जुड़ाव का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने संगठन के कार्य के लिए अग्रोहा में लगभग डेढ़ महीने तक प्रवास किया था और उस दौरान उन्होंने टीले देखे, फिर वहां के लोगों से पता चला कि वहां पर पुराना अग्रोहा दबा हुआ है, जो कि महाराजा अग्रसेन की राजधानी थी।
इस अवसर पर पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग हरियाणा के निदेशक और एडीपी के सदस्य सचिव अमित खत्री, श्री अग्रसेन फाउंडेशन के अध्यक्ष गाेपाल शरण गर्ग भी उपस्थित रहे।

महाराजा अग्रसेन को बताया भामाशाह

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि दानवीर के रूप में दो ही नाम सामने आते हैं- दानवीर कर्ण और महाराजा अग्रसेन। उन्होंने बताया कि महाराजा अग्रसेन समाज के भामाशाह रहे हैं। यही गुण अग्रवाल व वैश्य समाज में आज भी है। वैश्य समाज के लोग दान देने की प्रवृत्ति रखते हैं जो कि अच्छी बात है। इस मौके पर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचन्द गुप्ता, जिन्हें अग्रोहा विकास परियोजना का चेयरमैन मनोनीत किया गया है, ने अग्रोहा धाम को पुरातत्व की दृष्टि से विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि समाज की यह वर्षों से इच्छा थी कि हजारों वर्ष पुराने इस अग्रोहा स्थल और महाराजा अग्रसेन जैसे महापुरुष के बारे में लोग जानकारी प्राप्त कर सकें, इसके लिए कुछ होना चाहिए। आज इस दिशा में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एमओयू साइन किया गया है।

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पुरातत्व स्थलों के लिए दिल्ली, चंडीगढ़ से चलेंगी विशेष बसें

हरियाणा के ऐतिहासिक पुरातत्व स्थल राखीगढ़ी और अग्रोहा धाम में रुचि रखने वाले लोगों के लिए बस की सुविधा उपलब्ध रहेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नयी दिल्ली के हरियाणा भवन में आयोजित एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान चंडीगढ़ और दिल्ली से बसें चलाये जाने की शुरुआत की। कोई भी व्यक्ति निश्चित शुल्क अदा कर विशेष बस से इन ऐतिहासिक स्थलों पर जा सकता है। बस चंडीगढ़ के सेक्टर-17 बस स्टैंड व दिल्ली के अंतर्राज्यीय बस अड्डा कश्मीरी गेट से रवाना होंगी। ये बसे पूरे दिन के टूर के तहत पहले राखीगढ़ी में पुरातत्व से संबंधित संग्रहालय स्थल पर पहुंचेगी और इसके बाद अग्रोहा धाम जाएगी। इस संबंध में अधिक जानकारी फोन नंबर 9896981775 से प्राप्त की जा सकती है। यहां बतां दे कि भारत की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक सिंधु घाटी की सभ्यता के प्रमाण राखीगढ़ी की खुदाई के दौरान मिले हैं। भारतीय पुरातत्व से जुड़ा यह एक अहम स्थल है। अग्रोहा धाम भी एक ऐतिहासिक स्थल है और वहां पर भी एक भव्य संग्रहालय विकसित किया जाएगा, जो हरियाणा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक खजाने को संरक्षित तथा प्रस्तुत करने का केन्द्र होगा। राखीगढ़ी और अग्रोहा धाम का दौरा एक शैक्षिक अनुभव के समान होगा और एक सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक गंतव्य के रूप में अग्रोहा के महत्व को बढ़ावा देगा।

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