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मंडी बोर्ड मामले में किसानों के आगे झुकी सरकार, नोटिफिकेशन वापस

08:42 AM Apr 03, 2024 IST
मंडी बोर्ड मामले में किसानों के आगे झुकी सरकार  नोटिफिकेशन वापस
बठिंडा विधायकों के घर के सामने धरना देते भाकियू के सदस्य। -निस
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विकास कौशल/निस
बठिंडा, 2 अप्रैल
पंजाब की भगवंत मान सरकार द्वारा मंडी बोर्ड को तोड़ने और कॉर्पोरेट घरानों को 9 बड़े साइलो गोदाम बनाकर अनाज खरीदने, भंडारण करने और प्रोसेस करने की अनुमति देने के खिलाफ आज भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने हलका मौड़ से विधायक सुखवीर सिंह माइसरखाना, तलवंडी साबो विधायक बलजिंदर कौर, विधायक भुच्चो मंडी मास्टर जगसीर सिंह, रामपुरा फूल विधायक बलकार सिंह सिद्धू, विधायक बठिंडा शहरी जगरूप सिंह गिल और बठिंडा ग्रामीण से विधायक अमित रतन के घर के सामने धरना दिया और चेतावनी पत्र देकर पंजाब सरकार से सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को वापस लेने की मांग की। वहीं, धरने के दौरान मिली जानकारी के अनुसार पंजाब मंडी बोर्ड की ओर से सचिव अमृत कौर गिल ने अधिसूचना जारी की है जिसमें सभी नोटिफिकेशनें वापस ले ली गई हैं। जानकारी के मुताबिक, सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया है, जो किसानों के संघर्ष की आंशिक जीत है। किसान नेताओं ने कहा कि उन्हें हर समय सतर्क रहना चाहिए क्योंकि सरकार विरोध के कारण ऐसे कानून या फैसले कभी भी लागू कर सकती है।
इससे पहले सुबह तलवंडी साबो विधायक के प्रो. बलजिंदर कौर के घर के सामने धरना दिया गया और चेतावनी पत्र देकर पंजाब सरकार से सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को वापस लेने की मांग की गयी थी। आज के धरने को संबोधित करते हुए जिला नेता जगदेव सिंह जोगेवाला एवं ब्लॉक महासचिव काला सिंह चट्ठेवाला ने कहा कि 2020 में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा तीन किसान विरोधी एवं जनविरोधी कानून लाए गए। जिनका भारत के किसानों द्वारा लगातार विरोध किया गया, मोदी सरकार को उन कानूनों को वापस लेना पड़ा। लेकिन पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने पहले 2 को मंजूरी दे दी 15 मार्च को कानून बनाकर पंजाब में लागू करने के लिए पत्र जारी कर कहा है। बड़े कॉरपोरेट घरानों की 9 साइलो मंडियों को 7 लाख 25000 टन गेहूं खरीदने और उसका भंडारण और प्रसंस्करण करने की अनुमति देने का फैसला पूरी तरह से किसान विरोधी फैसला है। इसके साथ ही पंजाब की दो दर्जन से अधिक कृषि मंडियों, उपमंडियों को अन्य विभागों में विलय करने के फैसले की भी जानकारी मिली है। ये दोनों कदम संयुक्त रूप से सरकारी बाजार को छोटा करने और कॉर्पोरेट व्यापारियों की शक्ति बढ़ाने के कदम हैं। इससे 2-3 फसलों की चल रही सरकारी खरीद को रोकने का रास्ता भी साफ हो गया है।आज के विरोध प्रदर्शन में जसवीर सिंह बुर्ज सेमा, नछत्तर सिंह ढाडे, मालन कौर कोठा गुरु, करमजीत कौर लहराखाना, गुरमेल सिंह रामगढ़ भूंदड़, सुखदेव सिंह रामपुरा, हुशियार सिंह चक फतेह सिंह वाला, गुरपाल सिंह देओन, अजयपाल सिंह घुड़ा, हरप्रीत सिंह चट्ठेवाला मौजूद थे।

अमन अरोड़ा के आवास के सामने जताया रोष

संगरूर (निस) : भारती किसान यूनियन एकता उगराहां के जिला अध्यक्ष अमरीक सिंह गंढुआं के नेतृत्व में सुनाम में कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा के घर के सामने रोष प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष जनक सिंह भुटाल कलां, प्रदेश प्रचार सचिव जगतार सिंह कालाझर और अन्य किसान नेताओं ने बातचीत में कहा कि पंजाब सरकार को बड़े कॉरपोरेट घरानों के 9 साइलो गोदामों को 7 लाख 25000 टन गेहूं खरीदकर भंडारण करने की अनुमति देनी चाहिए। यह निर्णय स्पष्ट रूप से किसान है, इसके साथ ही दो दर्जन से अधिक ठप पड़ी कृषि मंडियों और उपार्जन केंद्रों को अन्य विभागों में विलय करने के निर्णय की भी जानकारी मिली है।ये दोनों कदम मिलकर सरकारी बाजार व्यवस्था को खत्म करने और कॉर्पोरेट व्यापारियों के मुनाफे को बढ़ाने के कदम हैं, इससे 2-3 फसलों की चल रही सरकारी खरीद को रोकने का रास्ता साफ हो गया है। उधर पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचंद सिंह बरसट ने किसानों को आश्वासन दिया है कि मंडी व्यवस्था कभी बंद नहीं होगी। चेयरमैन बर्स्ट ने कहा कि हम बाजार को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, बाजार को बंद करने के लिए नहीं।

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